चार दिवसीय चैती छठ के दूसरा दिन व्रतियों ने खरना पूजा की। व्रतियों ने केले के पत्ते पर गुड़ की खीर, रोटी और केला का प्रसाद चढ़ाकर भोग लगाया। इसके बाद व्रतियों समेत परिवार के लोगों ने खरना पूजा कर आर्शीवाद लिया। इसके बाद पहले व्रतियों, फिर परिवार के सदस्यों ने प्रसाद ग्रहण किया। इसके साथ ही 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हो गया। व्रती सोमवार की शाम अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देंगे।
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