पटना हाईकोर्ट ने लोक गायिका शारदा सिन्हा को उनकी सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन नहीं देने के मामले में शिक्षा विभाग एवं ललित नारायण मिथिला यूनिवर्सिटी से जवाब तलब किया है। न्यायाधीश पूर्णेंदु सिंह की एकलपीठ ने उनकी पेंशन का भुगतान फौरन किए जाने का निर्देश दिया है।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता विकास कुमार ने कोर्ट को बताया कि 1979 में याचिकाकर्ता की नियुक्ति ललित नारायण मिथिला यूनिवर्सिटी में बतौर संगीत शिक्षिका के तौर पर हुई थी और वह समस्तीपुर स्थित महिला महाविद्यालय से 2017 में रिटायर हुई थीं।
उसके बाद विश्वविद्यालय शिक्षकों की नियुक्तियों में गड़बड़ी पाते हुए एक जांच बिठाई गई। इसमें सात लोगों की नियुक्तियों में गड़बड़ी पाई गई। जांच में शारदा सिन्हा का भी नाम आया लेकिन इसका कोई आधार नहीं है। कोर्ट ने उच्च शिक्षा निदेशक को आदेश दिया कि प्रख्यात लोक गायिका शारदा सिन्हा की पेंशन का फौरन भुगतान किया जाए। इस मामले की अगली सुनवाई 27 जून को होगी।
गायिका शारदा सिन्हा को भारत सरकार द्वारा पद्मश्री और पद्मभूषण पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। उन्होंने हिंदी, भोजपुरी, मैथिली समेत तमात भाषाओं में गीत गाए हैं। छठ का पर्व तो शारदा सिन्हा के गीतों के बिना अधूरा माना जाता है।
Source : Dainik Jagran