पूर्व सांसद और बाहुबली नेता आनंद मोहन जेल से रिहा हो चुके हैं। हालांकि उनके रिहाई के बाद से बिहार में सियासी तूफ़ान मच गया है। इसी बीच DM जी. कृष्णैया की पत्नी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट आगामी 8 मई को याचिका पर सुनवाई करने जा रही है।
बता दें कि पूर्व IAS अधिकारी जी. कृष्णय्या की पत्नी उमा देवी ने आनंद मोहन की रिहाई को लेकर सीएम नीतीश कुमार पर सवाल उठाया था। मीडिया के सामने उन्होंने कहा था कि हमारे साथ अन्याय हुआ है। उसको पहले मौत की सज़ा थी जिसे उम्रकैद में बदल दी गई। हमें बिलकुल अच्छा नहीं लग रहा। बिहार में सब जातीय राजनीति है। वह राजपूत है और उसके बाहर आने से उसको राजपूत वोट मिलेगा। एक अपराधी को बाहर लाने की क्या जरूरत है? मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सीधा सवाल कर दिया है कि क्या यहीं इंसाफ है कि एक दलित और ईमानदार ऑफिसर के हत्यारे को जेल से रिहा किया जा रहा है। क्या ये जी. कृष्णैया का कसूर था कि वे बिहार में काम करने गये थे।
मालूम हो कि आनंद मोहन की रिहाई को लेकर बिहार कारा हस्तक, 2012 के नियम-481(i) (क) में संशोधन में संसोधन किया गया है। रिमिशन (परिहार) की पॉलिसी-1984 में 2002 में किये गए बदलाव के मुताबिक 5 कैटेगरी के कैदी को नहीं छोड़ने का प्रावधान था। ये ऐसे कैदी होते हैं, जो एक से अधिक मर्डर, डकैती, बलात्कार, और सरकारी अधिकारी की हत्या करने के दोषी होते है। उनके छोड़ने का फैसला राज्य सरकार लेती है। 10 अप्रैल को बड़ा बदलाव करते हुए इस पॉलिसी में से ‘सरकारी सेवक की हत्या’ वाक्यांश को हटा दिया गया था।
बिहार नें आनंद मोहन की रिहाई का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. 8 मई को याचिका पर होगी सुनवाई होगी.#AnandMohan #Bihar #SupremeCourt @ReporterVikrant pic.twitter.com/DA9HB4YwI4
— News18 India (@News18India) May 1, 2023