पंचायती राज संस्थाओं के बेहतर वित्तीय प्रबंधन को लेकर बिहार में शीघ्र ही ‘एक पंचायत एक बैंक खाता’ योजना लागू की जाएगी। पंचायती राज्य विभाग इसे जमीन पर उतारने को लेकर शिद्दत से काम कर रहा है। इसके लिए बैंक भी तय कर लिये गये हैं और उनकी सूचना भी शीघ्र ही सभी पंचायतों को भेजी जाएगी कि ग्राम पंचायतें किन-किन बैंकों में से किसी एक में अपना बैंक खाता खोल सकते हैं या पहले से है तो रख सकते हैं। पंचायतों को एक को छोड़कर शेष बैंक खातों को बंद करना होगा।

पंचायती राज मंत्री मुरारी गौतम ने सोमवार को बताया कि वित्तीय अनुशासन सख्ती से लागू करने तथा में राज्य सरकार के विकास कार्यों को तेज गति से पूर्ण करने के लिहाज से एक पंचायत एक बैंक खाता की अवधारणा कारगर साबित होगी। इस योजना के लागू होने के बाद राज्य की सभी 8057 पंचायतों के पास इतने ही बैंक खाते रह जाएंगे। एक ही खाते में पंचायतों की तमाम योजनाओं की राशि सरकार से मिलेगी तथा पंचायत इसी खाते से राशि खर्च भी कर पाएंगे।

एक पंचायत एक बैंक को जमीन पर उतारने के लिए पंचायत राज विभाग द्वारा डैशबोर्ड का निर्माण किया जा रहा है। डैशबोर्ड से सभी पंचायतों के बैंक खाते जुड़े रहेंगे। विभागीय मुख्यालय से हर पल सभी 8057 पंचायतों के बैंक खातों पर नजर रखी जा सकेगी। किस पंचायत के खाते में कब कितनी राशि आयी और कब-कब कितनी राशि खर्च हुई। पैसे किसे दिये गये। किन पंचायतों में राशि की खर्च धीमी है। जहां ऐसी स्थिति होगी, वहां मुख्यालय स्तर से संबंधित जिले तथा पंचायत को निर्देश भेजे जाएंगे। काम की रफ्तार बढ़ाने की हिदायद दी जाएगी। डैशबोर्ड के तैयार होते ही जिलों को एक पंचायत, एक बैंक पर काम करने का निर्देश भेजा जाएगा।

राज्य की तमाम पंचायतों में पंचायत सरकार भवन में किसी एक बैंक की शाखा खोलने का निर्णय राज्य सरकार ने लिया है। पंचायती राज मंत्री श्री गौतम ने कहा कि हर पंचायत भवन में बैंकिंग के लिए जगह सुरक्षित किया गया है। हम बैंकों के प्रस्ताव का इंतजार कर रहे हैं। बिल्कुल मुफ्त जगह दी जाएगी। जो बैंक जिस पंचायत में अपनी शाखा खोलना चाहते हैं विभाग को प्रस्ताव दें।

क्या कहा मंत्री ने ?

पंचायतों में एकल बैंक खाता लागू हो जाने से एक तरफ वित्तीय अनुशासन बहाल होगी, वहीं विकास कार्यों की गति भी बढ़ जाएगी। शीघ्र ही हम इसे राज्यभर में लागू करने जा रहे हैं। -मुरारी गौतम, पंचायती राज मंत्री

एक पंचायत एक बैंक योजना को लेकर पंचायती राज विभाग ने फिलहाल 8 बैंकों से एमओयू किया है। इनमें भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, केनरा बैंक, उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक, दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक, सेन्ट्रल बैंक, पंजाब नेशनल बैंक और आईसीआईसीआई बैंक शामिल हैं। पंचायतों को इन्हीं में से किसी एक बैंक में अपना खाता रखना होगा। हालांकि यह संख्या और बढ़ सकती है। पंचायती राज मंत्री ने कहा कि एक-दो और बैंकों ने रुचि दिखाई है और जल्द ही यह संख्या दस तक पहुंच सकती है।

Source : Hindustan

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