पूर्ण शराबबंदी वाले बिहार में अवैध शराब का कारोबार धड़ल्ले से जारी है। शराब माफिया से हौसले इतने बुलंद हैं कि छापेमारी करने गई उत्पाद या पुलिस टीम पर हमला कर देते हैं। कई पुलिस वालों की मौत भी हो चुकी है। धंधेबाजों के खिलाफ कार्रवाई करने वाली उत्पाद विभाग की टीम पर अक्सर हमला करने या उनके कार्यों में अवरोध पैदा करने की घटनाएं होती रहती हैं। इससे निपटने को विभाग ने मिर्ची स्प्रे प्रयोग करने का निर्णय लिया है।
सभी जिलों में मौजूद उत्पाद विभाग की छापेमारी दल को यह स्प्रे जल्द ही मुहैया करा दिया जाएगा। 700 पीस की पहली खेप आ गई है। सभी बड़े जिलों को 20-20 और छोटे जिलों को 10-10 पीस मिर्ची स्प्रे फिलहाल मुहैया कराया जाएगा। आने वाले समय में अतिरिक्त संख्या में स्प्रे मुहैया कराए जाएंगे। यह जानकारी विभाग के संयुक्त सचिव श्रीकृष्ण पासवान ने आयोजित प्रेस वार्ता में दी। उन्होंने कहा कि दियारा समेत अन्य कई ग्रामीण इलाकों में छापेमारी दल पर हमला या उनके कार्य में अवरोध करने की घटनाएं काफी होती हैं।
इसमें यह मिर्ची स्प्रे बेहद कारगर साबित होगा। डेमो भी कर लिया गया है। इससे आधा घंटे तक आंखों में सिर्फ जलन होती है और किसी तरह का नुकसान नहीं होता है। लाठीचार्ज के मुकाबले यह बेहतर विकल्प है। बिहार में पहली बार इस तरह के स्प्रे का प्रयोग किसी कार्रवाई के दौरान अवरोध करने वालों के खिलाफ किया जा रहा है।
संयुक्त सचिव ने कहा कि स्प्रिट का प्रयोग कर देसी शराब के निर्माण खासकर दियारा इलाकों में जून से अगस्त तक का महीना बेहद संवेदनशील होता है। बारिश के मौसम में दियारा इलाकों में पानी भर जाने से चुलाई की शराब नहीं बनाकर ये लोग बाहर से स्प्रिट मंगवा कर शराब बनाते हैं। इसके मद्देनजर जिला स्तर पर सभी डीएम-एसपी को ड्रग इंस्पेक्टर, उत्पाद अधीक्षक और ट्रांसपोर्टरों की बैठक बुलाकर इससे संबंधित निर्देश देने के लिए कहा गया है।
12 से 15 फीट की दूरी से उपयोग
ऐसा है मिर्ची स्प्रे मिर्ची स्प्रे को 12 से 15 फीट की दूरी से उपयोग किया जा सकता है। इसका छिड़काव बहुत बड़ी संख्या में जुटी भीड़ पर किया जा सकता है, जो भीड़ को तितर-बितर करने में काफी कारगर साबित होता है। इससे आंख एवं नाक में तेज जलन के अलावा खांसी भी होती है। इसका असर कम से कम आधा घंटे तक रहता है। 350 एमएल की बोतल की कीमत करीब एक हजार रुपये है। किसी आरोपित को बंद कमरे से निकालने में भी यह बेहद कारगर साबित होता है।
1 से 10 जून तक की गई 45 हजार 323 छापेमारी
संयुक्त आयुक्त ने बताया कि अवैध शराब के खिलाफ 1 से 10 जून के बीच 45 हजार 323 छापेमारी की गई है। इसमें मद्य निषेध विभाग के स्तर से 22 हजार 465 और पुलिस के स्तर से 22 हजार 858 छापेमारी की गई है। 5 हजार 593 एफआईआर दर्ज की गई है। 10 हजार 690 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है। 69 हजार 208 लीटर देसी और 75 हजार 200 लीटर विदेशी शराब बरामद की गई है। 489 वाहन जब्त किये गए हैं। पूरे राज्य में 213 नए ब्रेथ एनालाइजर मुहैया कराए गए हैं। पिछले चार महीने में शराब के मामले में सजा दिलाने की दर 99 फीसदी है।
Source : Hindustan