बिहार में विधायकों को अब अपने क्षेत्र के विकास के लिए सालाना 4 करोड़ मिलेंगे। इस राशि से वे अपने क्षेत्र में विकास कार्य कर सकेंगे। मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक के बाद कैबिनेट विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने बताया कि निर्माण सामग्री के मूल्य में बढ़ोतरी के कारण विधानसभा एवं विधान परिषद के निर्वाचन क्षेत्रों में पूर्व से प्रतिवर्ष प्रावधानित 3 करोड़ रुपए से कार्य कराने में कठिनाई महसूस हो रही थी। लिहाजा इसमें बढ़ोतरी का निर्णय लिया गया। अब इस योजना के तहत हर साल 954 करोड़ की जगह 1274 करोड़ खर्च होंगे।

मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना की मार्गदर्शिका में वित्तीय वर्ष 2018-19 से प्रति विधानमंडल सदस्य प्रति वर्ष 3 करोड़ रुपए की सीमा तक योजनाओं की अनुशंसा करने का प्रावधान है। लेकिन मौजूदा परिस्थिति में यह राशि कम पड़ रही थी। इसीलिए सम्यक विचारोपरांत मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2023-24 से प्रति विधानमंडल सदस्य प्रति वर्ष 3 की जगह 4 करोड़ की सीमा तक की योजनाओं की अनुशंसा करने पर सहमति दी गयी।

इसके लिए मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना की मार्गदर्शिका की कंडिका 7.1, 7.2, 8.1, 8.2, 8.3 एवं 8.7 में संशोधन एवं योजना अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2023-24 में अतिरिक्त 318 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गयी। इसमें विधानसभा सदस्यों के लिए विधानसभा में उनकी सदस्य संख्या के अनुसार 243 करोड़ और विधानपरिषद के सदस्यों के लिए 75 करोड़ की स्वीकृति दी गयी है। बढ़ोतरी के बाद यह हर सदस्य के लिए एक-एक करोड़ अतिरिक्त है। पहले से प्रति सदस्य 3-3 करोड़ की स्वीकृति दी जा चुकी है।

विज्ञान व प्रावैधिकी विभाग का नाम बदला:

कैबिनेट ने विज्ञान व प्रावैधिकी विभाग का नाम बदलने के प्रस्ताव पर भी मुहर लगा दी। अब इस विभाग का नाम विज्ञान, प्रावैधिकी एवं तकनीकी शिक्षा विभाग होगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को विभाग के एक कार्यक्रम में इस संबंध में घोषणा की थी। उनका कहना था कि मौजूदा परिवेश में विभाग का काम देखते हुए इसका यह नाम अधिक व्यावहारिक होगा।

प्राथमिक सब्जी उत्पादक सहकारी समिति को संयंत्र बैंक के लिए सहायता:

प्राथमिक सब्जी उत्पादक सहकारी समिति में सब्जी की खेती में प्रयुक्त होने वाले अत्याधुनिक कृषि यंत्रों का कृषि संयंत्र बैंक स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता दी जाएगी। मुख्यमंत्री हरित कृषि संयंत्र योजना के तहत 439 करोड़ रुपए से पैक्सों में कृषि संयंत्र बैंक स्थापित किए जाने के बाद अवशेष राशि का उपयोग किया जाएगा। इसके तहत प्रति प्राथमिक सब्जी उत्पादक सहकारी समिति को 15-15 लाख रुपए उपलब्ध कराया जाएगा। इसमें 50 फीसदी अनुदान जबकि 50 फीसदी ऋण के रुप में दिया जाएगा। कृषि यंत्रों का क्रय जेम पोर्टल के माध्यम से समिति द्वारा किया जाएगा।

कैबिनेट के अन्य फैसले

– विधायकों को अब विकास कार्यों के लिए तीन की जगह 4 करोड़ मिलेंगे। इस मद के लिए 318 करोड़ स्वीकृत किया गया है।

– राज्य के दक्षिण बिहार एवं उत्तर बिहार के कुल 61.05 किलोमीटर रोड लंबाई का चौड़ीकरण एवं मजबूती करण कार्य के लिए 234 करोड़ 30 लाख रुपए की स्वीकृति मिली है।

– मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना की मार्गदर्शिका चिकन टिक्का 7.1 7.2 8.1 8.2 8.3 एवं 8.7 में संशोधन एवं योजना अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2023-24 में अतिरिक्त 318 करोड़ रुपए की स्वीकृति मिली है।

– दरभंगा शहर में जल निकासी के लिए 243 करोड़ की राशि स्वीकृत किया गया है।

– विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग का नाम विज्ञान प्रावैधिकी एवं तकनीकी शिक्षा विभाग करने की स्वीकृति मिली है।

– दो जिलों के 3 लेवल क्रासिंग के बदले आरओबी निर्माण के लिये 149 करोड़ 21 लाख 13623 रुपये स्वीकृत किए गए हैं।

Source : Hindustan

nps-builders

Muzaffarpur Now – Bihar’s foremost media network, owned by Muzaffarpur Now Brandcom (OPC) PVT LTD