बिहार में घर बनाना महंगा हो सकता है। एक जुलाई से बालू के खनन पर रोक लगने वाली है। ऐसे में बालू की कालाबाजारी और किल्लत बढ़ने के आसार हैं। इसका असर निर्माण कार्य पर पड़ सकता है। एनजीटी के निर्देश के अनुसार बरसात में खनन पर रोक रहेगी। मंडलायुक्त कुमार रवि ने कहा कि सभी क्षेत्रीय पदाधिकारी एनजीटी के निर्देश का अनुपालन सुनिश्चित कराएं। आयुक्त ने अवैध खनन, बालू ओवरलोडिंग एवं वाहनों के अवैध परिचालन पर सख्ती से रोक लगाने का निर्देश दिया है। हालांकि, सरकार की ओर से बालू की किल्लत न हो उसके लिए भी उचित व्यवस्था की गई है। बता दें कि बालू खनन पर यह रोक अस्थायी होगी। साल के आखिरी में रोक हट जाएगी।

मंडलायुक्त ने गुरुवार को आयुक्त कार्यालय में इस विषय पर आयोजित प्रमंडल स्तरीय एक बैठक में सभी जिलों के डीएम, एसपी, जिला परिवहन पदाधिकारियों, सीओ, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारियों, जिला खनन पदाधिकारियों एवं अन्य अधिकारियों से बात की। उन्होंने कहा कि बालू के अवैध खनन, परिवहन एवं भंडारण के विरुद्ध नियमित तौर पर सघन छापामारी अभियान जारी रखें। उच्च तकनीक का इस्तेमाल करें। अवैध खनन और परिचालन पर रोक लगाने के लिए हाईटेक बोट का प्रयोग करें।

बिहार खनिज नियमावली 2019 के नियम 74 के तहत अवैध उत्खनन, परिवहन एवं भंडारण की रोकथाम के लिए डीएम की अध्यक्षता में टास्क फोर्स गठित है। आयुक्त ने सभी डीएम को जिला स्तरीय खनन टास्क फोर्स की बैठक नियमित रूप से करने एवं अवैध खनन, परिचालन की समीक्षा करने का निर्देश दिया।

Source : Hindustan

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