बेउर जेल में बंद बाहुबली पूर्व विधायक अनंत सिंह ने खुद की जान को खतरे में बताया है। उन्होंने खुद की हत्या की आशंका जताई है। अनंत सिंह के समर्थकों और जेल कर्मियों के बीच रविवार की सुबह जमकर मारपीट हुई। इस घटना में हालात इतने बिगड़े की दोनों तरफ से जमकर लात-घूंसे चलने लगे। इस दौरान पगली घंटी भी बजाई गई। मारपीट होते देख कक्षपाल भी वहां पहुंचे और बीच बचाव करने की कोशिश की लेकिन इस बीच-बचाव करने में चार कक्षपाल भी घायल हो गए।घटना की सूचना मिलते ही अफरा-तफरी में कई वरीय अधिकारी भी बेउर जेल पहुंच गए और घटनास्थल पर पहुंच किसी तरह मामले को शांत किया।

घटना के कारण के संबंध में जेल सूत्र का कहना है कि अनंत सिंह के बैरक का गेट को कल रात खुला छोड़ दिया गया था। अनंत सिंह की बैरक का गेट खुला रहने की खबर के बाद जेल के अंदर जेलकर्मी और अनंत समर्थकों के बीच कहासुनी होने लगी। इसी दौरान मामला बिगड़ गया और दोनों तरफ से भिड़ंत शुरू हो गई। जेल के एक अधिकारी का कहना है कि मारपीट छुड़वाने आए जेल प्रशासन के चार कर्मी भी घायल हो गए हैं।अनंत सिंह के समर्थकों ने कक्षपाल के साथ भी मारपीट की है। इस घटना में करीब आधा दर्जन कैदी के घायल होने की बात सामने आ रही है।

घटना के बाद जेल में हड़कंप मच गया। जेल प्रशासन ने पर्याप्त संख्या में सुरक्षा कर्मियों की तैनाती वार्डों में कर दी है। घटना के बाद जेल प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया गया है। घटना की जांच के लिए जांच टीम का गठन किया गया है। घायल कक्षपालों का इलाज करवाया गया है। इधर, जेल के अधिकारी इस मामले में कुछ कहने से बच रहे हैं। जेल प्रशासन से अनुसार, कैदियों के बीच मारपीट की मारपीट की बात सामने आई है। अन्य कैदियों और जेल कर्मियों से सारी जानकारी ली जा रही है। मामले में आगे की कार्रवाई चल रही है।

nps-builders

एके-47 और हैंड ग्रेनेड मामले में अनंत सिंह को दस साल की सजा हुई है। साथ ही अनंत सिंह के नौकर को भी दस साल की सजा सुनाई गई है। एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष जज त्रिलोकी नाथ दुबे की अदालत ने विधायक और एक अन्य अभियुक्त को 10-10 साल की सजा सुनाई है।

जेल अधीक्षक की सूचना पर पटना डीएम ने तुरंत अतिरिक्त बल भेजा। साथ ही अनुमंडल पदाधिकारी, पटना सदर एवं सहायक पुलिस अधीक्षक, फुलवारीशरीफ भी मौके पर पहुंचे और स्थिति को नियंत्रित किया। सभी कैदी अपने-अपने वार्ड में चले गये लेकिन अनंत सिंह और उनके साथ 10 -11 अन्य कैदी अपने वार्ड में नहीं गये। उनलोगों ने कक्षपाल पर हमला कर दिया जिसमें चार कक्षपाल और कुछ अन्य कैदी घायल हो गए। डीएम ने हंगामा करने वाले कैदियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। साथ ही संबंधित कक्षपाल को भी तुरंत निलंबित करने का निर्देश दिया गया है। पूरे घटनाक्रम पर अनुमंडल पदाधिकारी, सदर एवं सहायक पुलिस अधीक्षक, फुलवारीशरीफ़ से २४ घंटे के अंदर रिपोर्ट की मांग की गई है। कुल 31 क़ैदियों को चिन्हित कर दूसरे जेल में भेजने की कार्रवाई की जा रही है। डीएम ने पूर्णरूपेण सख़्ती बरतने का निर्देश देते हुए कहा है कि किसी भी प्रकार की अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

Source : Amar Ujala

Muzaffarpur Now – Bihar’s foremost media network, owned by Muzaffarpur Now Brandcom (OPC) PVT LTD