अब सड़कों पर बाइकों से मॉडिफाइड साइलेंसर से गोलियों की तड़तड़ाहट जैसी आवाज निकालने वालों की खैर नहीं है। बाइकों में इस तरह का परिवर्तन कराने वाले लोगों को सख्ती की कवायद शुरू हो गई है। अब साइलेंसर से अगर गोलियों जैसी आवाज निकलती है तो परिवहन विभाग के अफसर बाइक को जब्त कर एमवीआई एक्ट के तहत कड़ी कार्रवाई करेंगे। इसके लिए बिहार के परिवहन आयुक्त बी. कार्तिकेय धनजी ने विशेष निर्देश जारी किया है। परिवहन मुख्यालय ने भागलपुर समेत सूबे के प्रत्येक जिले के डीटीओ, एमवीआई और इएसआई को कार्रवाई के लिए निर्देश जारी किया है।
परिवहन आयुक्त ने निर्देश में कहा है कि मॉडिफाइड साइलेंसर से निकलने वाली ध्वनि लोगों को वाहन चलाते समय विचलित कर देती है। इससे सड़क पर अक्सर दुर्घटना होती है या प्रबल संभावना बनी होती है। इस कारण ऐसे करने वाले वाहन चालकों के विरुद्ध कार्रवाई जरूरी है। इससे ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों को सबक मिलेगी। साथ ही सड़कों पर लोग सुरक्षित और एकाग्रचित होकर आ जा सकते हैं। परिवहन मुख्यालय ने ऐसे वाहन चालाकों के विरुद्ध कार्रवाई करने के बाद इसकी रिपोर्ट भी मांगी है, ताकि उसकी समीक्षा हो सके। सभी जिलों को इस निर्देश का गंभीरता से पालन करने को कहा गया है।
बाइक के साइलेंसर को मॉडिफाइड कर देने के बाद उससे गोलियों की तड़तड़ाहट जैसी आवाज निकलती है। इसका इस्तेमाल सबसे ज्यादा युवा करते हैं। स्कूल, कॉलेज जाने वाले युवाओं द्वारा इसका धड़ल्ले से इस्तेमाल किया जाता है। शहर में भी कुछ इलाकों में इस तरह बाइक का इस्तेमाल उचक्के कर रहे हैं। वे लोग छात्राओं को छेड़खानी के उद्देश्य से भी वे लोग तेज आवाज निकालते हैं।
एसएम कॉलेज रोड, सैंडिस कंपाउंड रोड, मेडिकल कॉलेज रोड, जीरोमाइल रोड, डीआईजी कोठी रोड, विश्वविद्यालय रोड, टीएनबी कॉलेज रोड, पटल बाबू रोड, नाथनगर रोड में सबसे ज्यादा बाइकर्स इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। जिला पुलिस ने कई बार उन पर लगाम लगाने का प्रयास किया, लेकिन वे लोग इतनी तेजी से आवाज कर निकल जाते हैं, उन्हें चिन्हित करना मुश्किल होता है।
इस बाबत डीटीओ जनार्दन कुमार ने बताया कि मुख्यालय के निर्देश पर मॉडिफाइड साइलेंसर वाले वाहनों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। इस तरह के वाहनों के विरुद्ध अभियान चलाया जाएगा।
इधर, मायागंज अस्पताल के ईएनटी हेड डॉ. धर्मेंद्र कुमार का कहना है कि तेज आवाज से कानों को काफी नुकसान पहुंचता है। इससे कान के पर्दे तक फट सकते हैं। 50 डेसिबल से ज्यादा ध्वनि नुकसानदायक होती है।
Source : Hindustan