मुजफ्फरपुर के चर्चित प्रॉपर्टी डीलर आशुतोष शाही हत्याकांड में नया मोड़ आया है। दरअसल परिजनों ने आशंका जताई है कि समय बीतने पर चश्मदीद गवाह मुकर सकते हैं। इसके मद्देनजर आशुतोष के परिजनों ने डीजीपी और एडीजी ऑपरेशन को मेल भेजा है। इसमें आशुतोष के स्कॉर्पियो चालक अशोक महतो व अन्य गवाहों का 164 के तहत बयान दर्ज कराने की मांग की गई है। उन्होंने कहा कि बाद में इस घटना के कुख्यात आरोपितों के डर से गवाही देने के समय लोग डर सकते हैं।
डीजीपी को भेजे गए मेल में परिजनों की तरफ से पूर्व मेयर समीर कुमार और नवरूणा हत्याकांड का उदाहरण दिया गया है। बताया गया है कि जिस तरह इन दोनों केस में गवाह कोर्ट में हाजिर नहीं हुए, वैसे ही समय बीतने पर इन गवाहों पर भी माफियाओं का दबाव बनेगा। नौ बिंदुओं पर भेजे गए ईमेल के साथ डीजीपी से परिजनों की तरफ से पांच मांग की गयी है।
हत्याकांड की जांच कर रहे सीआईडी के इंस्पेक्टर अशोक झा ने आशुतोष शाही की पत्नी दीपांदिता और अन्य परिजनों से पूछताछ कर बयान लिया। बताया गया है कि मुख्य आरोपित मंटू शर्मा और गोविंद से पूछताछ शुरू करने से पहले पत्नी व परिजनों का बयान लिया गया। उनलोगों ने कई बिंदुओं पर सीआईडी को नई जानकारी दी है। उसी को ध्यान में रखते हुए सीआईडी के अधिकारियों ने मंटू शर्मा और गोविंद से पूछताछ की।
Input : Hindustan