बिहार के शिक्षा विभाग को दुरूस्त करने में लगे अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने एक बार फिर से नया फरमान जारी किया है। इस बार केके पाठक ने शिक्षा विभाग के मुख्यालय यानि सचिवालय के अधिकारियों-कर्मचारियों पर गाज गिराई है। केके पाठक के निर्देश के बाद बड़े पैमाने पर अधिकारियों एवं कर्मचारियों का वेतन रोक लिया गया है।
शिक्षा विभाग के निदेशक सुबोध कुमार चौधरी ने मंगलवार को इस बाबत पत्र जारी किया है। इसमें शिक्षा विभाग के सभी प्रशाखा पदाधिकारियों, सहायकों और संचिका उपस्थापन से संलग्न सभी लिपिकों का वेतन रोकने का निर्देश दिया है। बता दें कि इन सभी के कामकाज में लापरवाही पकड़े जाने के बाद ये आदेश जारी किया गया है।
निदेशक(प्रशासन) ने जारी पत्र में कहा है कि शिक्षा विभाग के प्रशाखाओं के निरीक्षण के दौरा ये पाया गया कि प्रशाखा पदाधिकारियों एवं सहायकों ने अपना काम सही ढंग से नहीं किया है। उन्हें बेकार पड़ी फाइलों को नष्ट करने का निर्देश दिया गया था लेकिन निरीक्षण के दौरान अनुपयुक्त और नष्ट करने योग्य फाइलें विभाग में पड़ी हुई मिली।
इसे विभाग के आदेश की अवहेलना मानते हुए अगले आदेश तक संचिकाओं से संबंधित सारे प्रशाखा पदाधिकरियों, सहायकों और लिपिकों के वेतन पर रोक लगा दिया गया। कर्मचारियों-अधिकारियों के वेतन की मंजूरी देने वाले निकासी और व्ययन पदाधिकारियों को इस संबंध में निर्देश जारी कर दिया गया है।