बिहार शिक्षक भर्ती मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। जिसके अब इस मालमे को दूसरी बेंच को ट्रांसफर कर दिया गया है। फिलहाल अभी तक बीएड अभ्यर्थियों को कोई राहत मिलती नहीं दिख रही है।सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने से मना कर दिया है। जिसके बाद नीतीश सरकार ने अपनी अर्जी वापस ले ली है। दरअसल शिक्षक भर्ती में बीएड डिग्री वाले अभ्यर्थियों को शामिल करने का मामला है।
इससे पहले 22 सितंबर को पटना हाईकोर्ट ने बिहार सरकार की दलील को खारिज कर दिया था और कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला बिहार में भी लागू होगा। यानि बिहार की शिक्षक नियुक्ति में बीएड पास अभ्यर्थी प्राइमरी टीचर नहीं बन सकेंगे। पटना हाईकोर्ट के इसी फैसले को आधार बना कर बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की है. बिहार सरकार कह रही है कि उसे बीएड पास अभ्यर्थियों को प्राइमरी टीचर के पद पर नियुक्ति करने की इजाजत दी जाए।
वहीं बीपीएससी ने ये भी तय किया है कि सिर्फ डीएलएड पास उम्मीदवारों का ही रिजल्ट जारी किया जाएगा। बीपीएससी ने ये फैसला सुप्रीम कोर्ट के आदेश के कारण लिया है, सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में राजस्थान में शिक्षक बहाली के मामले में प्राइमरी टीचर के लिए बीएड की योग्यता को समाप्त कर दिया था।कोर्ट ने कहा था कि उसके फैसले के बाद बीएड डिग्री धारी छात्र प्राइमरी शिक्षक के लिए योग्य नहीं होंगे।सिर्फ बीटीसी या डीएलएड डिग्री वाले छात्र ही कक्षा पांचवीं तक पढ़ाने के लिए पात्र माने जाएंगे।
Source : Hindustan