बिहार में किसी तरह की जमीन की जमाबंदी फर्जी या गलत मिली तो इसके लिए दोषी कर्मियों पर एफआईआर दर्ज की जाएगी। इन कर्मियों पर जालसाजी की धाराएं लगाकर मुकदमा दायर होगा।

इस मामले को लेकर जल्द ही राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के स्तर से विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किया जाएगा। यह आदेश विभाग के सचिव जय सिंह ने दिया है। वे गुरुवार को पटना के शास्त्रत्त्ीनगर स्थित सर्वे प्रशिक्षण संस्थान में सभी भूमि सुधार उप-समाहर्ता (डीसीएलआर) के साथ समीक्षा बैठक कर रहे थे। इसी दौरान जमीन की गलत जमाबंद से जुड़ा मामला सामने आने के बाद उन्होंने यह आदेश दिया। समीक्षा के दौरान यह बात सामने आई कि अंचल कार्यालय अब भी दाखिल-खारिज करने में मनमानी करते हैं। न ही निर्धारित समय पर इसे करते हैं, न इन्हें रद्द करने के लिए किसी तरह का ठोस कारण ही बताते हैं और न ही फीफो यानी पहले आओ, पहले पाओ के नियम का ही पालन करते हैं। आवेदन रद्द करने के मामले जिन कुछ अंचलों में बड़ी संख्या में सामने आए, उनमें सारण के जलालपुर अंचल में 361 में 332 आवेदनों (91 फीसदी) और पूर्वी चंपारण के कोटवा अंचल में 237 में 193 आवेदन को सीओ ने रद्द कर दिया। वहीं, फारबिसगंज अनुमंडल में 601 बार फीफो का उल्लंघन किया गया। इसके मद्देनजर सचिव ने सभी डीसीएलआर को सख्त निर्देश दिया कि वे अपने-अपने क्षेत्र के वैसे अंचलों की जांच करें, जहां 75 फीसदी से अधिक आवेदन अस्वीकृत कर दिए गए हैं।

साथ ही सभी डीसीएलआर को अपने क्षेत्र के अंचलों में जाकर दाखिल-खारिज से जुड़े 2-3 मामलों की जांच करें। इसकी रिपोर्ट विभाग को समर्पित करें। बिना किसी वाजिब कारण के म्यूटेशन के मामलों की संख्या बढ़ने के कारण विभाग के स्तर से यह निर्णय लिया गया है।

सर्वे का काम 31 तक हर हाल में पूरा करें सचिव

सचिव ने सभी डीसीएलआर को आदेश दिया कि बसेरा-2 अभियान के तहत किए जा रहे भूमिहीनों के सर्वे का आदेश 31 अक्टूबर तक हर हाल में पूरा कर लिया जाए। यह सर्वे मोबाइल एप के माध्यम से किया जा रहा है। राजस्व कर्मचारियों को इसे पूरा करने की जिम्मेदारी दी गई है। समीक्षा में पाया गया कि डीसीएलआर के स्तर से कोर्ट लगाकर जमीन से जुड़े मामलों का निपटारा करने में लापरवाही बरती जा रही है। पिछले माह एक भी मामले का निष्पादन नहीं किया गया है। पिछले तीन माह में शून्य निष्पादन करने वाले अनुमंडलों में कटिहार का बारसोई, मधेपुरा सदर, मधुबनी का झंझारपुर व सीतामढ़ी का बेलसंड शामिल है।

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Source : Hindustan

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