लोजपा (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने कानू, हलवाई, नोनिया, बेलदार, बढ़ई, कुम्हार, बिंद, नाई, तुरहा, तमोली, चंद्रवंशी जाति को अनुसूचित जाति जबकि लोहार को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि इन 12 जातियों का आर्थिक, सामाजिक, राजनैतिक और शैक्षणिक पिछड़ेपन को देखते हुए, इन जातियों को अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल करने के लिए वर्ष 2000 में ही विधानसभा और विधान परिषद से प्रस्ताव पारित कर भारत सरकार को भेजा गया था।

चिराग पासवान ने कहा कि ऐतिहासिक फैसला है, क्योंकि झारखंड राज्य अलग बनाने का और इन 12 जातियों को अनुसूचित-जनजाति में शामिल करने का प्रस्ताव एक ही दिन पारित कराकर केन्द्र सरकार को भेजा गया था। झारखंड राज्य का गठन तो तुरंत हो गया, परन्तु इन जातियों का मामला अधर में लटका दिया।

चिराग पासवान की इस मांग यदि सरकार मान लेती है और इन 12 जातियों को अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति में शामिल करती है तो नौकरी से लेकर चुनाव तक में एससी-एसटी आरक्षण का फायदा इन जातियों भी मिलेगा। वर्तमान समय में जो एससी-एसटी जातियां हैं, उन्हीं के कोटे से इनको आरक्षण मिलेगा। राजनीतिक जानकार बताते हैं कि चिराग का कोर वोटर पासवान है, जिसको एससी आरक्षण का बहुत फायदा मिला है। ऐसे में ये देखना बड़ा ही दिलचस्प होगा कि पासवान समेत मौजूदा एससी जातियों को चिराग पासवान की यह मांग पसंद आएगी या नहीं।

Source : Hindustan

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