MUZAFFARPUR : प्रधान डाकघर में फर्जी खाते से पेंशन राशि के नाम पर हुए गबन में डिप्टी पोस्टमास्टर समेत तीन अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। इस गबन में तीन अधिकारियों के कार्रवाई की जद में आने की बात ‘हिन्दुस्तान’ ने पहले ही बतायी थी। डाक विभाग ने बुधवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए सेवानिवृत्ति हो चुके डिप्टी पोस्टमास्टर समेत तीन अधिकारियों के निलंबन के बाद प्रधान डाकघर में हड़कंप मच गया है।
जिन अधिकारियों को निलंबित किया है उनमें मुजफ्फरपुर के डिप्टी पोस्टमास्टर दीनानाथ प्रसाद साह, सहायक डाकपाल बचत बैंक सुरेश कुमार और बचत बैंक सहायक अरविंद कुमार शामिल हैं। 31 अक्टूबर को सेवानिवृत्त दीनानाथ प्रसाद साह के विरुद्ध विभागीय नियम 14 के अंतर्गत आवश्यक कार्रवाई के लिए चार्जशीट भी दाखिल की गई है।
मालूम हो कि बीते 16 अगस्त को प्रधान डाकघर में वसीम अंसारी के नाम से बचत बैंक खाता खोला गया था। उसी दिन उस खाते को प्रधान डाकघर सीवान के मृत पेंशनर माखन राम के पेंशन खाते से अटैच कर 497867 रुपये अवैध तरीके से ट्रांसफर कर दिया गया । फिर 19 अगस्त को इसी खाते में 495641 रुपये ट्रांसफर कर इसे उसी दिन तीन बार में एक निजी बैंक खाते में एनईएफटी के माध्यम से ट्रांसफर कर अवैध निकासी की गई। मोतीझील निवासी तुलसी नारायण ने इसकी शिकायत वरीय डाक अधीक्षक, डाक निदेशक, पोस्टमास्टर जनरल, चीफ पोस्टमास्टर जनरल से लेकर डाक निदेशालय, संचार मंत्री व प्रधानमंत्री से की। वरीय पदाधिकारी के निर्देश पर वरीय डाक अधीक्षक मुजफ्फरपुर ने सहायक डाक अधीक्षक पूर्वी अनुमंडल के नेतृत्व में जांच टीम गठित की।
दोषी अफसरों पर गाज
फर्जी खाता खोलने और खाताधारक की पहचान को बार-बार बदलने के मामले में दोषी पाए जाने पर डिप्टी पोस्टमास्टर दीनानाथ साह, सहायक डाकपाल बचत बैंक सुरेश कुमार व डाक सहायक बचत बैंक शाखा अरविंद कुमार को निलंबित किया गया है। पोस्टमास्टर जनरल कार्यालय में लंबे समय से प्रतिनियुक्ति पर कार्य कर रहे एक डाककर्मी को भी मुजफ्फरपुर प्रमंडल में वापस किए जाने की चर्चा है।
कई आईडी का इस्तेमाल
रिपोर्ट में पाया गया खाता डिप्टी पोस्टमास्टर दीनानाथ साह की आईडी से खोला गया। सहायक डाकपाल बचत बैंक सुरेश कुमार ने अपनी आईडी से उसी दिन वेरीफाई किया था। इन दोनों के अलावा डाक सहायक बचत बैंक शाखा अरविंद कुमार ने अपने आईडी का इस्तेमाल कर खाताधारक के नाम व पहचान को कई बार बदला। अफसरों ने मधुबनी के डाकपाल की आईडी का भी इस्तेमाल किया।
Source : Hindustan