मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जब महिलाओं की मांग हुई तो हमने शराबबंदी लागू की। हम कभी इसको वापस नहीं लेंगे। कुछ राज्यों में शराबबंदी है लेकिन वहां इस पर अच्छे से काम नहीं होता है।
कुछ लोग हमसे कहते हैं कि शराबबंदी ठीक से लागू नहीं है, इसे छोड़ दीजिए। पर हम कभी नहीं छोड़ेंगे। हम छात्र जीवन से ही शराब के खिलाफ हैं। बिहार में शराबबंदी किये सात साल हो गया है, यह जारी रहेगा। हम छोड़ने वाले नहीं हैं। 27सड़क दुर्घटनाएं शराब पीने के कारण होती हैं। हमलोग सिर्फ शराबबंदी पर ही नहीं बाल विवाह एवं दहेज प्रथा के खिलाफ अभियान चला रहे हैं। शराबबंदी के बाद बिहार में पर्यटकों की संख्या बढ़ी है। राजगीर में आयोजित मलमास मेले में तीन करोड़ लोग शामिल हुए।
जो पुलिस वाले गड़बड़ करेंगे, उन्हें निकाला जाएगा सीएम ने कहा कि कुछ बड़े लोग जो दारू पीते हैं, वह हमारे खिलाफ हैं। अधिकतर लोग ठीक हैं। कुछ तो पुलिस वाले भी गड़बड़ हैं। ड्यूटी मिलती है तो वह ठीक से देखते नहीं हैं। सीएम ने मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि इसकी समीक्षा करें। जो पुलिस वाले गड़बड़ करते हैं उन्हें समझाइए कि ठीक से काम नहीं करेंगे तो उनको सेवा से भी निकाल दिया जाएगा। कार्यक्रम में डीजीपी को नहीं देख मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस के हेड (डीजीपी) को बुलाना चाहिए था, काहे नहीं बुलाए हैं?
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों के विकास एवं गरीबों के उत्थान के लिए लगातार काम कर रहे हैं। वर्ष 2005 के पहले राज्य की क्या स्थिति थी? शाम के बाद घर से बाहर लोग नहीं निकलते थे। बच्चियां कहां पढ़ पाती थी? हमने बच्चे-बच्चियों को पढ़ने का इंतजाम कराया। जबसे हमने पंचायती राज संस्थाओं एवं नगर निकायों में 50 प्रतिशत महिलाओं को आरक्षण दिया है, तो हर जगह महिलाएं दिख रही हैं। सब लोग मिलकर प्रेम से आगे बढ़िये, इससे परिवार और राज्य आगे बढ़ेगा। मुख्यमंत्री ने रिमोट के माध्यम से पटना स्थित कुम्हरार में मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के तीन ग्रुप सेंटर का का उद्घाटन किया।
Source : Hindustan