बिहार में जातीय गणना की तर्ज पर शराबबंदी को लेकर भी घर-घर सर्वेक्षण होगा। राज्य सरकार यह सर्वे कराएगी। सरकार यह जानेगी कि राज्य में कितने लोग शराबबंदी के पक्ष में हैं और कितने नहीं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को घर-घर सर्वे कराने का एलान किया।
उन्होंने पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि एक-एक घर में जाकर पता कीजिए कि कितने लोग शराबबंदी के पक्ष में हैं और कितने खिलाफ में हैं। जो पक्ष में नहीं हैं, उन्हें समझाइए कि शराब बहुत खराब चीज है, इसका सेवन नहीं करना चाहिए। सर्वेक्षण के बाद लोगों से अपील करिए और उनको एक जगह किसी दिन जनवरी में शराबबंदी के पक्ष में एकत्र कराएं।
मुख्यमंत्री रविवार को सीएम सचिवालय स्थित ‘संवाद’ में नशामुक्ति दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। इस मौके पर उन्होंने शराबबंदी में बेहतर कार्य करने वाले पदाधिकारियों को सम्मानित किया। इससे पहले उन्होंने मद्य निषेध के प्रचार-प्रसार के लिए बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। कहा कि इस बार ठीक से आकलन कराएं। इससे पहले सीमित क्षेत्र में सर्वे हुआ था। 2018 में सर्वे कराया गया तो पता चला कि एक करोड़ 64 लाख लोगों ने शराब पीना छोड़ दिया है। वर्ष 2023 के सर्वे से पता चला कि एक करोड़ 82 लाख लोगों ने शराब पीना छोड़ दिया है। सर्वे से यह भी पता चला कि 99 महिलाएं और 92 पुरुष शराबबंदी के पक्ष में हैं। शराबबंदी को लेकर प्रतिदिन हमारे पास रिपोर्ट आती है। शराबबंदी का उल्लंघन करने में बहुत लोग पकड़े गये हैं। बाहर से अब भी बहुत शराब आती है। राज्य की सीमा क्षेत्र में अलर्ट रहिए। कैसे कोई लेकर बाहर से आ जाता है। बहुतों को पकड़ा भी गया है। पांच-पांच साल की सजा मिली है, पर आगे और सतर्क रहना है।