बिहार लोक सेवा आयोग ने आज 8 दिसंबर को होने वाली शिक्षक भर्ती परीक्षा का समय बदल दिया है। अब परीक्षा 12 बजे शुरू होने की बजाय दोपहर ढाई बजे से शुरू होगी। अभ्यर्थियों को साढ़े 12 बजे से डेढ़ बजे के बीच परीक्षा केंद्र में एंट्री दी जाएगी। चक्रवाती तूफान के चलते देरी से चल रही ट्रेनों के चलते यह फैसला लिया गया है। बीपीएससी चेयरमैन अतुल प्रसाद ने एग्जाम की टाइमिंग बदलने जाने की जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर दी। ध्यान रहे कि परीक्षा का समय फिलहाल सिर्फ आज 8 दिसंबर के लिए बदला गया है।
अतुल प्रसाद ने ट्वीट कर कहा, ‘चक्रवाती प्रभाव के कारण विभिन्न ट्रेनों के देरी से चलने आदि के मद्देनजर आज यानी 8 दिसंबर 2023 को टीआरई अभ्यर्थियों को दोपहर 12:30 बजे से 1:30 बजे तक परीक्षा केंद्रों में प्रवेश दिया जाएगा और परीक्षा 2:30 बजे से शुरू होगी।’ बिहार शिक्षक भर्ती परीक्षा के दूसरे दिन आज शुक्रवार को 2,23,506 अभ्यर्थियों की परीक्षा होगी। इसके लिए 396 परीक्षा केन्द्र बनाए गए हैं। दूसरे दिन शिक्षा विभाग और पिछड़ा वर्ग 9वीं-10वीं और अनुसूचित जाति कल्याण विभाग की छठी से आठवीं तक के लिए परीक्षा होगी।
रीक्षा का समय बदले जाने की जानकारी सभी एग्जार सेंटरों और संबंधित अधिकारियों को दे दी गई है।
अभ्यर्थी लगातार ट्रेनों के देरी से चलने की शिकायत कर रहे थे। गौरतलब है कि बिहार शिक्षक भर्ती परीक्षा में बड़ी तादाद में यूपी, झारखंड समेत अन्य राज्यों के अभ्यर्थी शामिल हो रहे हैं।
परीक्षा शुरू होने के एक घंटा पहले परीक्षा कक्ष में प्रवेश बंद कर दिया जायेगा। अभ्यर्थियों की गहन जांच के साथ ई-एडमिट कार्ड एवं आधार कार्ड से मिलान करने के बाद ई-एडमिट कार्ड की बार-कोड स्कैनिंग की जाएगी। इसके बाद फोटोग्राफ का मिलान करने के बाद परीक्षा केंद्र में प्रवेश की अनुमति दी जायेगी।
कैसा रही पहले दिन की परीक्षा, कैसा था पेपर
पहले दिन पटना के तीन केन्द्रों पर 6473 अभ्यर्थियों को शामिल होना था। लेकिन परीक्षा में 70 प्रतिशत अभ्यर्थियों की उपस्थिति रही। प्रश्नों का स्तर सिविल सेवा की परीक्षाओं की तरह था। अभ्यर्थियों ने बताया कि ऑनर्स स्तर के प्रश्न पूछे गए थे। सामान्य अध्ययन अभ्यर्थियों को 150 प्रश्न बनाने में काफी परेशानी हुई, हालांकि निगेटिव मार्किंग नहीं होने से अभ्यर्थियों ने तुक्का मारकर सभी प्रश्नों को बनाया। अभ्यर्थी अमित कुमार ने बताया कि जीएस का पेपर थोड़ा मुश्किल लगा। भाषा के पेपर सामान्य थे। वहीं विषय आधारित प्रश्नों का स्तर स्नातक का था। पहले दिन पिछड़ा वर्ग एवं अतिपिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के अधीन चलने वाले स्कूलों के 9वीं और 10वीं कक्षा व अनुसूचित जाति जनजाति कल्याण विभाग के स्कूलों के लिए छठी से 10वीं तक के स्कूलों में प्राचार्य पद की नियुक्ति के लिए परीक्षा हुई।
Source : Hindustan