राज्य में शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए शिक्षा विभाग लगातार प्रयासरत है। स्कूलों के साथ साथ कॉलेजों में भी शिक्षा व्यवस्था को सही करने के लिए शिक्षा विभाग की तरफ से कोशिश जारी है। इसी कड़ी में शिक्षा विभाग ने बिहार के विश्वविद्यालयों में मानदेय के आधार पर प्रोफेसर और लेक्चरर रखने का प्लान तैयार किया गया है। जिसके तहत राज्य के कॉलेजों में पढ़ाने के लिए अब एजेंसी के जरिए प्रोफेसर और लेक्चरर आयेंगे। इसे लेकर शिक्षा सचिव बैद्यनाथ यादव ने सभी कुलपतियों को पत्र भी भेजा है।
दरअसल, राज्य के सभी विश्वविद्यालय में अब निजी एजेंसियां प्रोफेसर और लेक्चरर उपलब्ध कराएंगी। इसके लिए शिक्षा विभाग ने चार एजेंसियां तय की है। विश्वविद्यालय में खाली सीटों पर दो वर्षों के लिए मानदेय के आधार पर बहाली होगी। शिक्षा विभाग ने राज्य के कॉलेजों में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए यह कदम उठाने का हवाला दिया है। राज्य के शिक्षा सचिव बैद्यनाथ यादव ने सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को इससे संबंधित पत्र भेजा है।
शिक्षा विभाग द्वारा निर्धारित की गई एजेंसियों को विश्वविद्यालय के प्रावधानों के तहत काम करना पड़ेगा। साथ ही निविदा में तय सभी शर्तों को मानना होगा। एजेंसी से 6 तरह के शिक्षक बहाल होंगे। जिसमें इंस्ट्रक्टर, स्पीकर, असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, प्रोफेसर और प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस शामिल हैं। इन सभी को घंटे के हिसाब से अलग अलग मानदेय मिलेगा।
इंस्ट्रक्टर शिक्षक को 50 मिनट की क्लास के लिए 500 रुपए का मानदेय मिलेगा। तीन सत्र के लिए 1200 रुपए और पूरे दिन के लिए 1500 रुपए मानदेय मिलेगा।
स्पीकर की बात करें तो उन्हें 50 मिनट की क्लास के लिए 500 रुपए, तीन सत्रों के लिए 1200 और पूरे दिन के लिए 1500 रुपए मानदेय मिलेगा। वहीं असिस्टेंट प्रोफेसर को 50 मिनट की क्लास के लिए 1000 रुपए, तीन सत्र के लिए 1800 और पूरे दिन के लिए 2000 रुपए मिलेंगे।
एसोसिएट प्रोफेसर को 50 मिनट की क्लास के लिए 1200, तीन सत्रों के लिए 2200 और पूरे दिन के लिए 3000 रुपए दिए जाएंगे। जबकि प्रोफेसर को 50 मिनट की क्लास के लिए 1500 रुपए, तीन सत्र के लिए 2800 और पूरे दिन के लिए 3500 रुपए दिए जायेंगे। साथ ही प्रोफेसर ऑफ एक्सीलेंस को 50 मिनट की क्लास के लिए 1500 रुपए, तीन सत्रों के लिए 2800 रुपए और पूरे दिन के लिए 3500 रुपए का मानदेय मिलेगा।
Input : Hindustan