बिहार सरकार के शिक्षा विभाग का शनिवार को बड़ा शिक्षक नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पटना में 25 हजार चयनित कैंडिडेट को जबकि बाकी 24 जिलों में प्रभारी मंत्री लगभग 85 हजार अभ्यर्थियों को ज्वाइनिंग लेटर सौंपेंगे। लेकिन विभाग की चर्चा हो रही है अपने अपर मुख्य सचिव और बहुचर्चित आईएएस अफसर केशव कुमार पाठक के उपार्जित अवकाश की वजह से। केके पाठक से हमेशा परेशान रहने वाले शिक्षा विभाग के मंत्री चंद्रशेखर ने एसीएस की छुट्टी को लेकर चल रही चर्चाओं पर गुरुवार को यह कहकर चुटकी ली है कि पाठक को काम करने का मन नहीं होगा तो इस्तीफा दे दिए होंगे।
चंद्रशेखर ने बेगूसराय में केके पाठक के शिक्षा विभाग के एसीएस पद से इस्तीफे की चर्चा पर पत्रकारों के सवाल के जवाब में कहा कि केके पाठक को काम करने का मन नहीं था, इसलिए इस्तीफा दे दिया, इसमें हम क्या करेंगे। 8 जनवरी को स्वास्थ्य कारणों से छुट्टी पर गए केके पाठक ने सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देश पर छुट्टी के दूसरे दिन 9 जनवरी को प्रभार प्रतिवेदन बनाकर एसीएस पद का चार्ज छोड़ दिया है। उनके अवकाश के दौरान राज्य सरकार ने शिक्षा विभाग के सचिव वैधनाथ यादव को एसीएस का काम भी देखने कहा है।
सरकारी कामकाज के जानकारों के मुताबिक जब कोई सीनियर अफसर छुट्टी पर जाता है तो इस तरह से पद का प्रभार त्यागना आम बात है। सरकार ऐसा इसलिए करवाती है और अफसर ऐसा इसलिए करते हैं ताकि उनकी अनुपस्थिति में अगर विभाग को कोई ऐसा फैसला करना हो जिसके लिए उनके पद पर बैठा आदमी ही सक्षम है तो प्रभार में चल रहा अफसर वो डिसीजन लेकर आदेश जारी कर सके। चूंकि शिक्षकों के बीच 13 जनवरी को नियुक्ति पत्र का वितरण विभाग का बहुत बड़ा आयोजन है और 8 जनवरी से छुट्टी पर चल रहे केके पाठक की गैर-हाजिरी में कई जरूरी फैसले और आदेश अटक सकते थे।
सामान्य प्रशासन विभाग ने एसीएस पद के स्तर पर लिए जाने वाले फैसले और जारी होने वाले आदेश में कोई दिक्कत ना हो, इसके लिए केके पाठक से पद का प्रभार छोड़ देने कहा था। नियमों की मानें तो पाठक जब छुट्टी से लौटने के बाद कार्यालय आएंगे तब एसीएस पद का प्रभार शिक्षा विभाग के सचिव वैधनाथ यादव के पास से स्वत: समाप्त हो जाएगा।
Source : Hindustan