बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर से मुलाकात की। मुख्यमंत्री और राज्यपाल के बीच करीब 40 मिनट तक बातचीत हुई। इस बीच पूर्व सीएम पूर्व सीएम और हम पार्टी के संरक्षक जीतनराम मांझी की ओर से इशारों-इशारों में बिहार में खेला होबे का दावा किया गया है। दरअसल, मंगलवार को जीतन राम मांझी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा है कि बंगला में कहते हैं, “खेला होबे”, मगही में कहते हैं, “खेला होकतो”, भोजपुरी में कहते हैं, “खेला होखी” बाकी तो आप खुद ही समझदार हैं। मांझी के द्वारा किए गए पोस्ट के बाद अटकलों का दौर भी शुरू हो गया है।

हालांकि यह कोई पहला मौका नहीं है जब मांझी की ओर से इस तरह के पोस्ट किए गए हों। कुछ दिन पहले भी पूर्व सीएम ने एक पोस्ट शेयर कर लिखा था कि दिल्ली में रहने के बावजूद बिहार के वर्तमान राजनैतिक हालात पर मेरी नजर है। राज्य के राजनैतिक हालात को ध्यान में रखते हुए मैंने अपने सभी माननीय विधायकों को आगामी 25 जनवरी तक पटना में ही रहने का निर्देश दिया है। जो भी हो राज्यहित में होगा।

बता दें कि नीतीश कुमार अचानक बिहार के राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर से मिलने के लिए पहुंच गए। राज्यपाल से मिलने के बाद सीएम नीतीश ने मीडिया के साथ कोई बातचीत नहीं की। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राज्यपाल से मिलने के लिए पहुंचे तो उनके साथ वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी भी थे। राजभवन में जाकर नीतीश कुमार क्यों मिले, इसको लेकर सियासी हलचल तेज हो गई। हालांकि माना जा रहा है कि अनेक विश्वविद्यालयों में वाइस चांसलर की नियुक्ति के सिलसिले में मिलने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गए थे।

गौरतलब है कि विपक्ष के कई नेताओं की ओर से लगातार यह दावा किया जा रहा था कि खरमास के बाद बिहार में कुछ बड़ा हो सकता है। राज्य में सियासी खेल हो सकता है। महागठबंधन में लोकसभा चुनाव में सीटों का बंटवारा अब तक नहीं हुआ है, जिसको लेकर भी इसतरह के कयास लगाए जा रहे थे। अब खरमास के खत्म होने के बाद बिहार की सियासत गर्म हो चुकी है।

Source : Hindustan

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