पटना विश्वविद्यालय को छोड़ राज्य के शेष छह विश्वविद्यालयों में कुलपतियों के रिक्त पदों पर नियुक्ति राज्यपाल सह कुलाधिपति राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कर दी है। राज्यपाल सचिवालय ने मंगलवार देर शाम इनकी नियुक्ति का आदेश जारी किया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से परामर्श के बाद राज्यपाल ने ये नियुक्तियां की हैं। सभी कुलपति तीन-तीन साल के लिए नियुक्त हुए हैं।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी के साथ मंगलवार की दोपहर राजभवन गए। राज्यपाल के साथ सीएम ने करीब पौन घंटे विमर्श किया। उसके बाद देर शाम राज्यपाल सचिवालय ने नियुक्ति की अधिसूचनाएं जारी कीं। बीआरए बिहार विवि के वीसी प्रो. दिनेश चंद्र राय बने हैं। मुजफ्फरपुर में जन्मे प्रो. राय बीएचयू में डेयरी साइंस और फूड टेक्नोलॉजी के वरीय प्रोफेसर हैं और इस विभाग के संस्थापक अध्यक्ष भी हैं। कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विवि में प्रो. लक्ष्मी निवास पांडेय कुलपति बने हैं। प्रो. पांडेय सेंट्रल संस्कृत विवि, केजे सोमैया कैंपस विद्याबिहार पूर्वी, मुम्बई में प्रोफेसर सह निदेशक हैं। ललित नारायण मिथिला विवि के वीसी प्रो. संजय कुमार चौधरी बनाए गए हैं। वह भागलपुर के टीएनबी कॉलेज के प्राचार्य हैं। एलएनएमयू में जूलॉजी विभाग के रिटायर अध्यक्ष प्रो. बिमलेंदु शेखर झा बीएन मंडल, मधेपुरा विवि के वीसी बने हैं। एकेयू के वीसी प्रो. शरद कुमार यादव को बनाया गया है, जो मथुरा के पंडित दीन दयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विज्ञान विवि में प्रोफेसर हैं। जेपी विवि का वीसी प्रो. परमेंद्र वाजपेयी होंगे। वे छत्तीसगढ़ में भौतिकी के प्रोफेसर हैं।
बीआरएबीयू के नये कुलपति प्रो. दिनेश चंद्र राय ने ‘हिन्दुस्तान’ से बातचीत में बताया कि उनका जन्मस्थान मुजफ्फरपुर ही है। बीआरएबीयू में काम करना जन्मस्थान की सेवा करना है। उन्होंने बताया कि वीसी के पद पर ज्वाइन करने के लिए उन्होंने छुट्टी का आवेदन दिया है। आवेदन पास होने के बाद वह योगदान करने आयेंगे। प्रो. राय ने कहा कि बिहार विवि में जो भी समस्या है उसका समाधान करना उनकी पहली प्राथमिकता होगी। प्रो. राय बनारस हिन्दू विवि के गोल्ड मेडलिस्ट हैं। उनको हाल में इंडियन डेयरी एसोसिएशन का फेलो अवार्ड भी माननीय गृह मंत्री, भारत सरकार के हाथों मिला है।
प्रो. राय देशी नस्ल की गायों के संरक्षण और संवर्धन को लेकर न सिर्फ शोधरत हैं, बल्कि लंबे समय से जनमानस में इसके प्रति चेतना जागृति की एक व्यापक मुहिम चला रहे हैं।
बीआरएबीयू में 10 महीने के बाद स्थायी कुलपति की नियुक्ति हुई है। पूर्व वीसी हनुमान प्रसाद पांडेय का कार्यकाल बीते साल मार्च महीने में खत्म हो गया था। इसके बाद वीर कुंवर सिंह विवि आरा के कुलपति प्रो शैलेंद्र चतुर्वेदी को बीआरएबीयू का प्रभारी वीसी बनाया गया था। विवि में नये कुलपति के आने से पहले बीआरएबीयू का सत्र लगभग पटरी पर आ गया है, लेकिन उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती परीक्षा के बाद होने वाले रिजल्ट पेंडिंग में सुधार करना होगा।
Source : Hindustan