तंबाकू सेवन के घातक प्रभावों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए प्रत्येक वर्ष 31 मई को ‘विश्व तंबाकू निषेध दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। इसी कड़ी में आज होमी भाभा कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र के मेडिकल सोशल सर्विस विभाग एवं केवट द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इन कार्यक्रमों में प्रभात रैली, तंबाकू के विपरीत प्रभावों पर जनता के बीच विस्तृत संवाद तथा मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन पर जागरूकता कार्यक्रम शामिल थे, जिनके माध्यम से लोगों को तंबाकू के विभिन्न नकारात्मक पहलुओं से अवगत कराया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं प्रेरक, होमी भाभा कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र के प्रभारी डॉ. रविकांत सिंह ने बताया कि राज्य स्वास्थ्य समिति, बिहार सरकार के सहयोग से कैंसर स्क्रीनिंग और जागरूकता अभियान की 38 जिलों में शुरुआत हो चुकी है। इस अभियान के अंतर्गत अब तक 12 लाख से ज्यादा लोगों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है, जिसमें 2054 मुंह के कैंसर रोगी मिले हैं। उन्होंने बताया कि 40% कैंसर सिर्फ तंबाकू एवं तंबाकू युक्त पदार्थों के सेवन से होता है। बिहार में सबसे अधिक मुख का कैंसर होता है, जिसमें 90% कैंसर तंबाकू के सेवन से होता है।
तंबाकू का किसी भी रूप में सेवन करने से मनुष्य की आयु कम से कम 11 वर्ष कम हो जाती है। तंबाकू से सिर्फ कैंसर ही नहीं, बल्कि यह नाखून और बालों को छोड़कर मनुष्य के हर अंग को प्रभावित करता है। बिहार में तंबाकू खाने वाले हर 1000 में से 45 लोगों में कर्क रोग के प्रारंभिक लक्षण देखे जा सकते हैं। अगर सही समय पर इलाज नहीं किया गया तो ये लक्षण कैंसर में तब्दील हो सकते हैं।
विश्व तंबाकू निषेध दिवस के अवसर पर होमी भाभा कैंसर अस्पताल के सभी चिकित्सक, पदाधिकारी एवं कर्मचारियों ने तंबाकू नियंत्रण के लिए हर संभव प्रयास करने का प्रण लिया। इस कार्यक्रम में ब्रह्मकुमारी संस्था से डॉ. खुशबू, भास्कर कुमार और सीता कुमारी भी शामिल हुए। उन्होंने होमी भाभा कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र मुजफ्फरपुर के साथ मिलकर तंबाकू रोकथाम के लिए विशेष कार्यक्रम और जागरूकता अभियान चलाने की योजना बनाई।
इस अवसर पर डॉ. निशांत, डॉ. बुरहान, डी. एन. पांडेय, और डॉ. नेहा आदि की उपस्थिति ने कार्यक्रम को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।