कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर उनके शेयर बाजार को लेकर दिए गए बयान को लेकर निशाना साधा। उन्होंने पूछा कि पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने लोगों को निवेश करने की सलाह क्यों दी? पूरे मामले को घोटाला बताते हुए राहुल गांधी ने जेपीसी जांच की भी मांग की। गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी ने कहा कि पहली बार हमने देखा कि चुनाव के समय प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और वित्त मंत्री ने शेयर बाजार पर टिप्पणी की। प्रधानमंत्री ने दो-चार बार कहा कि स्टॉक मार्केट तेजी से आगे बढ़ने जा रहा है। गृह मंत्री ने भी सीधा कहा कि चार जून को स्टॉक मार्केट ऊपर जाएगा, इसलिए शेयर खरीदना चाहिए। यही मैसेज वित्त मंत्री ने भी दिया।
राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव की वोटिंग के बाद सामने आए एग्जिट पोल्स पर भी सवाल उठाए और कहा कि एक जून को मीडिया झूठे एग्जिट पोल रिलीज करती है। बीजेपी का जो सर्वे था, उसमें उसे 220 सीटें मिल रही थीं। तीन मई को स्टॉक मार्केट सारे रिकॉर्ड तोड़ देता है, लेकिन चार जून को स्टॉक मार्केट गिर जाता है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आगे कहा, ”भारत के आम लोगों ने 4 जून को शेयर बाजार में 30 लाख करोड़ रुपये गंवा दिए।” राहुल ने इससे जुड़े तीन सवाल भी पूछे।
उन्होंने पूछा कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने शेयर बाजार में निवेश करने वाले 5 करोड़ परिवारों को विशेष निवेश सलाह क्यों दी? क्या लोगों को निवेश सलाह देना उनका काम है? दोनों साक्षात्कार एक ही मीडिया हाउस को क्यों दिए गए, जिसका स्वामित्व एक ही कारोबारी समूह के पास है, जिस पर शेयर बाजार में हेराफेरी करने के लिए सेबी की जांच भी चल रही है। वहीं, भाजपा, फर्जी एग्जिट पोल करने वालों और संदिग्ध विदेशी निवेशकों के बीच क्या संबंध है, जिन्होंने एग्जिट पोल घोषित होने से एक दिन पहले निवेश किया और 5 करोड़ परिवारों की कीमत पर भारी मुनाफा कमाया? हम इस सबसे बड़े शेयर बाजार घोटाले की जेपीसी जांच की मांग करते हैं।
Source : Hindustan