मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट में 1,563 छात्रों को मिले ग्रेस मार्क्स को कैंसिल किया जाएगा। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को यह जानकारी दी है। नीट के इन सभी 1,563 उम्मीदवारों के स्कोरकार्ड को रद्द किया जाएगा। गुरुवार को कोर्ट को दिए गए बयान में केंद्र ने घोषणा की कि इन 1,563 छात्रों को दोबारा परीक्षा देने का विकल्प दिया जाएगा।
काउंसलिंग पर रोक लगाने से इनकार
सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर नीट (NEET) की काउंसलिंग पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। Physicswala के अलख पांडेय के वकील ने याचिका दायर कर आरोप लगाया है कि ग्रेस मार्क्स देना उचित नहीं है। कोर्ट ने उनकी याचिका पर NTA को नोटिस जारी किया है। अब आठ जुलाई को इस मामले पर सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि काउंसलिंग चलती रहेगी और हम इसे नहीं रोकेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर हमारे फैसले में परीक्षा रद्द की बात शामिल होगी तो काउंसलिंग भी अपने आप रद्द हो जाएगी। इसलिए छात्रों को इसकी चिंता नहीं करनी चाहिए।
याचिकाओं में मांग की गई थी कि ग्रेस मार्क्स देने में अनियमितताएं हुई हैं, इसलिए नीट यूजी परीक्षा दोबारा आयोजित होनी चाहिए। नीट रिजल्ट को चुनौती देने वाले याचिकाकर्ताओं ने काउंसलिंग पर भी रोक लगाने की मांग की है। जस्टिस विक्रम सेठ और संदीप मेहता की अवकाशकालीन बेंच आज सुबह 10.30 बजे मामले की सुनवाई कर सकती है। तीन याचिकाओं में से एक याचिका फिजिक्स वाला के सीईओ अलख पांडे ने दायर की है। उन्होंने दावा किया है कि एनटीए का ग्रेस मार्क्स देने का फैसला मनमाना है। एनटीए ने स्टूडेंट्स को बिना बताए अचानक चुपचाप ग्रेस मार्क्स के साथ रिजल्ट जारी कर दिया। इसकी कोई पूर्व सूचना नहीं गई। रिपोर्ट्स के मुताबिक पांडे को करीब 20,000 छात्रों से शिकायतें मिली हैं जिससे पता चलता है कि करीब 1500 स्टूडेंट्स को 70 से 80 अंक तक ग्रेस मार्क्स मिले हैं। दूसरी याचिका एसआईओ के सदस्य अब्दुल्ला मोहम्मद फैज और डॉ. शेख रोशन मोहिद्दीन ने दायर की है, जिसमें नीट यूजी 2024 के नतीजों को वापस लेने और नए सिरे से परीक्षा आयोजित करने की मांग की गई है।
याचिकाकर्ताओं ने ग्रेस मार्क्स देने में एनटीए पर मनमानी का आरोप लगाया, जिसमें बताया गया कि 720 में से 718 और 719 अंक लाना नामुमकिन है। एनटीए पर आरोप लगाया गया है कि उसने टाइम लॉस के लिए ग्रेस मार्क्स के जरिए कुछ स्टूडेंट्स को पिछले दरवाजे से प्रवेश देने की कोशिश की है। याचिकाकर्ताओं ने इस पर संदेह जताया है कि एक केंद्र से 6 टॉपर कैसे हो सकते हैं। याचिका में पेपर लीक की जांच पूरी होने तक नीट काउंसलिंग पर भी रोक लगाने की मांग की गई है। इस संबंध में एसआईटी गठित करने की भी मांग की गई है।
तीसरी याचिका नीट अभ्यर्थी जरीपिति कार्तिक ने दायर की है, जिसमें परीक्षा के दौरान समय बर्बाद होने के लिए मुआवजे के रूप में ग्रेस मार्क्स व इसके दिए जाने के तरीके को चुनौती दी गई है।