पटना: वरिष्ठ पत्रकार सुरेंद्र किशोर को भाषा, शिक्षा तथा पत्रकारिता के क्षेत्र में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए पद्मश्री सम्मान मिलने की घोषणा हुई है। स्वास्थ्य कारणों से वह यह सम्मान लेने दिल्ली नहीं जा सके थे, इसलिए पटना के जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक ने खुद उनके घर जाकर यह पुरस्कार प्रदान किया। जिला प्रशासन की ओर से कहा गया कि देश के जाने-माने पत्रकार सुरेंद्र किशोर को राष्ट्रपति की ओर से जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक द्वारा पद्मश्री पुरस्कार भेंट की गई।
सुरेंद्र किशोर का योगदान
सुरेंद्र किशोर को भाषा, शिक्षा तथा पत्रकारिता के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए यह सम्मान दिया गया है। जिलाधिकारी ने इस अवसर पर लब्धप्रतिष्ठ पत्रकार सुरेंद्र किशोर को शुभकामनाएं देते हुए उनके उत्तम स्वास्थ्य की कामना की। सुरेंद्र किशोर का जन्म 2 जनवरी 1947 को सारण जिले के एक किसान परिवार में हुआ था। उन्होंने इतिहास में स्नातक की डिग्री प्राप्त करने के बाद एक पत्रकार के रूप में अपने करियर की शुरुआत की और पिछले पांच दशक से पत्रकारिता में सक्रिय हैं।
पत्रकारिता का सफर
1977 में सुरेंद्र किशोर ने मुख्यधारा की पत्रकारिता में प्रवेश किया और देश के बड़े-बड़े मीडिया हाउस में काम किया। आज भी वे देश के प्रमुख अखबारों और वेबसाइट्स के लिए लिखते हैं। सुरेंद्र किशोर की खबरों की चर्चा बिहार विधानसभा और देश के संसद तक में होती रही है।
विनम्रता और ईमानदारी के प्रतीक
सुरेंद्र किशोर अपनी विनम्रता, गांधीवादी सादगी और ईमानदारी के लिए जाने जाते हैं। उन्हें एक संत पत्रकार माना जाता है। उनकी लगन, मेहनत और ईमानदारी के कारण देश के प्रमुख अखबारों के संपादक उन्हें अपने साथ जोड़ना चाहते थे।
सुरेंद्र किशोर को पद्मश्री सम्मान से नवाजे जाने पर पत्रकारिता जगत में खुशी की लहर है। उनके योगदान को सम्मानित करने के इस कदम से नए और पुराने पत्रकारों को प्रेरणा मिलेगी।