सोमवार सुबह सियालदह जा रही कंचनजंगा एक्सप्रेस मालगाड़ी की टक्कर के कारण हादसे का शिकार हो गई। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, इस दुर्घटना का कारण मानव गलती थी। हादसे में 15 लोगों की मौत हो चुकी है और 60 लोग घायल हो गए हैं। राहत कार्य तेजी से चल रहा है और आशंका है कि करीब 100 लोग डिब्बों में फंसे हो सकते हैं।
रेलवे बोर्ड की सीईओ और चेयरमैन जया वर्मा सिन्हा ने हादसे की वजह पर बात की। उन्होंने बताया कि प्रथम दृष्टया यह स्पष्ट हुआ है कि यह दुर्घटना मानव गलती के कारण हुई थी। पहले संकेत बताते हैं कि यह सिग्नल की अनदेखी का नतीजा था। सिन्हा ने कहा कि पश्चिम बंगाल में कवच प्रणाली को तेजी से लागू करने की आवश्यकता है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव समेत रेलवे के कई वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल पर मौजूद हैं।
सिन्हा ने पहले बताया था कि कंचनजंगा एक्सप्रेस जो अगरतला से सियालदह जा रही थी, उसे पीछे से आ रही मालगाड़ी ने सिग्नल तोड़ते हुए टक्कर मारी। इस टक्कर में ट्रेन का गार्ड डिब्बा, दो पार्सेल वैन और एक जनरल डिब्बा क्षतिग्रस्त हो गए। बचाव अभियान जारी है, जिसमें रेलवे के ADRM, जिला और राज्य प्रशासन, NDRF, और आर्मी के जवान शामिल हैं। करीब 50 घायलों का इलाज चल रहा है।
उन्होंने यह भी बताया कि अनुग्रह राशि की घोषणा की गई है और घायलों को पूरी चिकित्सीय सुविधा प्रदान की जा रही है। यात्रियों के परिजनों को जानकारी देने के लिए हेल्पलाइन और हेल्प डेस्क स्थापित किए गए हैं। इस मार्ग के हर स्टेशन पर हेल्प डेस्क लगाए गए हैं ताकि यात्री अपने प्रियजनों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दुर्घटना पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने लिखा, ‘पश्चिम बंगाल में हुई रेल दुर्घटना दुखद है। मेरी संवेदनाएं उन सभी के साथ हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है। घायलों के जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं। अधिकारियों से बात कर स्थिति का जायजा लिया है। प्रभावितों की सहायता के लिए बचाव कार्य जारी है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव भी दुर्घटनास्थल पर जा रहे हैं।’ पीएम कार्यालय ने बताया है कि मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये दिए जाएंगे।
खराब मौसम के कारण बचाव कार्य में बाधा आ रही है। पीटीआई भाषा के अनुसार, अधिकारियों ने बताया कि इलाके में खराब मौसम के कारण बचाव कार्य में मुश्किलें हो रही हैं। मालगाड़ी और कंचनजंगा एक्सप्रेस के बीच टक्कर इतनी भीषण थी कि दो पिछले डिब्बे तुरंत ही पटरी से उतर गए, जबकि एक अन्य डिब्बा मालगाड़ी के इंजन के ऊपर लटक गया।