MUZAFFARPUR :  विद्यालयों का नियमित और सुचारू संचालन कराने तथा सरकारी मानदंडों के अनुसार योजनाओं का गुणवत्तापूर्ण और समय पर क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन की अध्यक्षता में समाहरणालय सभागार में शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें आवश्यक निर्देश दिए गए।

जिलाधिकारी ने विद्यालयों में आधारभूत संरचना के निर्माण कार्य की नियमित निगरानी, निरीक्षण एवं समीक्षा कर प्रगति लाने तथा कार्य की गुणवत्ता बनाए रखने का सख्त निर्देश दिया। इस क्रम में उन्होंने जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं निदेशक, डी.आर.डी.ए. को पुराने योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाने तथा सतत् मॉनिटरिंग कर कार्य जल्द पूरा कराने का निर्देश दिया। साथ ही विद्यालयों में बालिका शौचालय, बालक शौचालय, बोरिंग, विद्युतीकरण, पंखे, बेंच-डेस्क आदि सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।

जिलाधिकारी ने सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता लाने, जवाबदेही सुनिश्चित करने तथा कार्य की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए जिला स्तर पर 16 टीमों का गठन किया, जो सभी प्रखंडों के विद्यालयों की जांच करेगी। प्रत्येक टीम में प्रखंडों के वरिष्ठ पदाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी तथा एक सहायक अभियंता शामिल होंगे। ये टीमें विद्यालयों में आधारभूत संरचना के तहत किए गए कार्यों तथा उनकी गुणवत्ता की जांच करेंगी। टीम द्वारा समर्पित प्रतिवेदन के आधार पर जिलाधिकारी द्वारा नियमानुसार विधि-सम्मत कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने विद्यालयों में योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता लाने के लिए शिलापट्ट/सूचनापट्ट लगाने का निर्देश दिया, जिसमें योजना का नाम, लागत राशि, कार्य प्रारंभ की तिथि, कार्य समाप्ति की तिथि अंकित की जाएगी।

गर्मी के मौसम को देखते हुए जिलाधिकारी ने विद्यालयों में बच्चों के लिए पेयजल की व्यवस्था करने का निर्देश दिया। उन्होंने पी.एच.ई.डी. को पानी की गुणवत्ता की जांच हेतु पानी के सैंपल उपलब्ध कराने को कहा ताकि बच्चों को शुद्ध पेयजल मिल सके। साथ ही उन्होंने विद्यालय परिसर और शौचालयों की नियमित सफाई पर जोर दिया।

प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को सहायक अभियंता एवं कनिष्ठ अभियंता से समन्वय स्थापित कर विद्यालय के निर्माण कार्य में प्रगति लाने तथा वरिष्ठ अधिकारियों को वस्तुस्थिति से अवगत कराने को कहा गया। उन्होंने विद्यालय के अभिलेख संधारित करने और विभागीय निदेश के अनुसार अंकेक्षण कराने का निर्देश भी दिया।

जिलाधिकारी ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को भी विद्यालयों का निरीक्षण कर बच्चों की शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित कराने तथा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने पर बल दिया। मार्च से मई तक विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने न्यूनतम उपस्थिति सुनिश्चित करने वाले प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी से कारण पृच्छा करने का निर्देश दिया। उन्होंने वर्ग कक्ष में आवश्यक उपस्कर (बेंच-डेस्क), टूटे हुए उपस्कर की मरम्मती, प्रयोगशाला, पुस्तकालय की उपलब्धता, विद्यालय की चहारदीवारी, खेल मैदान, बिजली कनेक्शन, बल्ब, पंखा, विद्यालय परिसर की स्वच्छता एवं सौंदर्यीकरण, बच्चों की उपस्थिति आदि की भी समीक्षा कर आवश्यक निर्देश दिए।

मध्याह्न भोजन योजना की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि एक भी विद्यालय में मध्याह्न भोजन बंद नहीं होना चाहिए तथा भोजन की गुणवत्ता कायम रहनी चाहिए। उन्होंने रसोईघर की साफ-सफाई रखने तथा शुक्रवार को अंडा/मौसमी फल बच्चों को देने का सख्त निर्देश दिया। बैठक में डी.पी.ओ. मध्याह्न भोजन द्वारा अवगत कराया गया कि सभी विद्यालयों में मध्याह्न भोजन चालू है।

गरीब एवं वंचित वर्ग के बच्चों हेतु संचालित कस्तुरबा गांधी बालिका विद्यालयों में शत-प्रतिशत बच्चों का नामांकन सुनिश्चित करने तथा विद्यालय का गुणवत्तापूर्ण संचालन करने का निर्देश भी दिया गया।

बैठक में निदेशक, डी.आर.डी.ए. संजय कुमार, जिला शिक्षा पदाधिकारी अजय कुमार सिंह, डी.पी.ओ. लेखा एवं योजना मनोज कुमार, डी.पी.ओ. मध्याह्न भोजन इन्द्र कुमार कर्ण सहित सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, सभी बी.पी.एम., सभी बी.आर.पी. तथा सर्व शिक्षा अभियान के अधिकारी मौजूद थे।

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