बिहारी जिप्सी सोल ( रोहितेश्वर सहाय ) यह नाम तो अपने सुना ही होगा। अरे भाई यह वही है जिनका मणिके माने हित्ते भोजपुरी वर्शन और UPSEवाला प्यारसोशल मीडिया पर मिलियंस में धूम मचा रहा था, और काफी ट्रेंडिंग भी रहा था। रैपर बिहारी जिप्सी का नया रैप ‘khelwar’ जो बिहार स्पोर्ट्स की दुर्दशा के बारे में है,वह धूम मचने 28JUN को उनके ऑफिसियल Youtube चॅनेल @biharigypsysoul पर आ रहा हैं। साथ में यह रैप Spotify India, Apple Music, Prime Music, Wynk, Jio Saavan, Gaana, जैसे मशहूर प्लेटफॉर्म पर भी उपलब्ध होगा।

बिहार के अलग अलग मुद्दों को भोजपुरी रैप से उठाने वाले बिहारी जिप्सी सोल का रैप ‘khelwar ‘ उन जिम्मेदार लोगो से सवाल करने को तैयार हैं जो बिहार स्पोर्ट्स की दुर्दशा के जिम्मेदार है, जिस कारण बिहार के खिलाडी दर-दर ठोकरें खाने को मजबूर है।

बिहारी जिप्सी सोल ( रोहितेश्वर सहाय ) बिहार के छपरा के रहने वाले और दिल्ली में मीडिया छेत्र में उन्होंने बहुत नाम कमाया है, काफी सारे मीडिया जगत के अवार्ड्स उनके नाम है, फिलहाल वो एक Mediahouse में क्रिएटिव डायरेक्टर के पोस्ट पर है। बिहारी जिप्सी सोल पहले रैपर है जो भोजपुरी में बिहार से जुड़े मुद्दे को उठाते है , इन्होने पहली बार बिहार के समस्या पर अपना रैप नहीं किया है इसके पहले मुज़्ज़फरपुर बालिका गृह, शराब बंदी का सच और भोजपुरी अश्लील गानो के खिलाफ इन्होने अपने रैप से आवाज़ उठाया है और वो भोजपुरी और बिहार को लेके काफी काम करते रहते है, बहुत सारे बॉलीवुड सेलेब्रटी के साथ आप उनके इंस्टाग्राम पर काम और फन दोनों देख सकते हैं ।

उनसे बात करने पर उन्होंने ये बताया कि उनका यह रैप खेलवार बिहार के उन खिलाड़ियों के नाम है, जिनके पास टैलेंट तो है लेकिन सिस्टम के राजनीती के चलते उनका भविष्य ख़राब हो रहा हैं। उनसे पूछने पर कि ये गाना के ख़्याल कैसे आया तो बिहारी जिप्सी सोल ( रोहितेश्वर सहाय ) ने बताया कि एक दिन वो यूट्यूब पर इंटरव्यू देख रहे थे , जिसमें एक बिहार का नेशनल लेवल का खो खो प्लेयर पंचर की दुकान चलाता है , एक और प्लेयर चाय की दुकान चलाता है यह इंटरव्यू देखकर वे काफी आहात हुए। फिर उन्होंने और प्लेयर्स से बात की तो पता चला ग्राउंड लेवल पर सुविधाएँ नहीं है, नौकरियों की काफी कमी हैं । योग्यता होते हुए भी खिलाडी ऐसे काम करने को मजबूर हैं।

ज़िला स्तर पर सुविधाओं की कमी है खिलाड़ी जाये तो कहा जाये , जिनके पास पैसा है वो अपने बच्चों को दूसरे स्टेट भेज देते है ट्रेनिंग के लिए, लेकिन वो योग्य खिलाडी जिनके पास पैसे की कमी हैं वो कहा जाय।

आगे पूछने पर उन्होंने बताया क्रिकेट का भी वही हाल है यहाँ दो टीम रणजी खेलने पहुँचती है , हर जगह भाई भतिजावाद है जिसके कारण सिलेक्शन में टैलेंटेड प्लेयर रह जाते है। जिला स्तर बुनियादी ढांचा एक दम लचर है, खिलाड़ी बूढ़े हो गए पर राज्य स्तर पर नौकरी नहीं मिली, रही बात खेल कूद को बढ़ावा देने का तो सिर्फ फाइलों में बाते दब कर रह जाती है, स्टेट के खिलाड़ी दूसरे राज्य में जाके ट्रेनिंग लेते है।

बिहारी जिप्सी सोल ने यह भी बताया कि झारखंड से अलग होने के बाद बिहार खेल संसाधनों की कमी से जूझता रहा है। विभाजन के बाद तीरंदाजी का क्या हाल है सबको पता है, बिहार में हॉकी का एक भी एस्ट्रोटर्फ मैदान की सुविधा उपलब्ध नहीं करायी गयी। जबकि बिहार का एकमात्र क्रिकेट स्टेडियम पटना में मोइनुल हक स्टेडियम है, जिसकी हालत खस्ता है। ऐसे में हम कैसे इंडियन टीम में जगह बना पाएंगे, कैसे ओलिंपिक में हम खेल पाएंगे ?

राजगीर में 740.82 करोड़ की लागत से 90 एकड़ में राज्य खेल अकादमी व अंतर्राष्टीय क्रिकेट स्टेडियम का निर्माण किया जा रहा है। लेकिन बुनियादी स्तर पर हर जिले में खेल विद्यालय होना चाहिये न कि सिर्फ एक खेल महाविद्यालय। बिहारी जिप्सी सोल ने यह भी बोलै कि खेल संघ में ऊँचे पद पर खिलाडियों का जगह होना चाहिए, ना की ऐसा वयक्ति जिसका खेल से कोई लेना देना न हो, सिलेक्शन में पारदर्शिता लाना पड़ेगा और कर्रप्शन, भाई भतीजावाद को दूर करना होगा।

इन्ही सब मुद्दो को बिहारी जिप्सी सोल (रोहितेश्वर सहाय ) अपने रैप ‘khelwar’ के ज़रिये उठाया है। आप सभी इस रैप को सुने और जितने हो सके उतना अपना प्यार दें और आगे भी शेयर करें।

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