बिहार में गैर परम्परागत बिजली उत्पादन के क्षेत्र में आस्ट्रेलिया ने निवेश करने की इच्छा जताई है। कोलकाता में आस्ट्रेलिया के कांसुलेट जनरल एच ब्वायलान ने इस संबंध में राज्य के ऊर्जा मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव से मिलने के लिए समय मांगा है। कांसुलेट जनरल अपने दो दिवसीय दौरे के दौरान 12 और 13 अगस्त को बिहार आएंगे और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित अन्य मंत्रियों से भी मुलाकात कर सकते हैं।
गैर परम्परागत बिजली उत्पादन की संभावनाएं:
बिहार में बिजली के क्षेत्र में हो रहे कार्यों से आस्ट्रेलिया भली-भांति अवगत है। राज्य में गैर परम्परागत बिजली उत्पादन की असीम संभावनाएं हैं। बिहार सरकार के जल-जीवन-हरियाली मिशन के तहत गैर परम्परागत बिजली को बढ़ावा देने के प्रयास किए जा रहे हैं। अब तक 3500 से अधिक सरकारी भवनों पर सोलर पावर प्लांट लगाए जा चुके हैं, और आगामी दो वर्षों में नौ हजार सरकारी भवनों में सोलर प्लेट लगाने की योजना को मंजूरी दी गई है। देश-विदेश की कंपनियों को इस क्षेत्र में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया गया है।
ऑस्ट्रेलियाई कांसुलेट जनरल की मुलाकात:
कांसुलेट जनरल एच ब्वायलान ने बिहार में निवेश की संभावनाओं पर चर्चा करने के लिए ऊर्जा मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव से मिलने का समय मांगा है। इस मुलाकात के दौरान वे बिहार में गैर परम्परागत बिजली उत्पादन की असीम संभावनाओं पर चर्चा करेंगे। यदि आस्ट्रेलिया ने निवेश करने की इच्छा व्यक्त की, तो बिहार सरकार की ओर से हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी।
बिहार में बिजली उत्पादन की संभावनाएं:
बिहार में गैर परम्परागत बिजली उत्पादन के कई स्रोत मौजूद हैं। हालिया सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में 16,000 मेगावाट गैर परम्परागत बिजली का उत्पादन संभव है। इनमें से 11,200 मेगावाट सोलर बिजली, 3,650 मेगावाट पवन ऊर्जा, 527 मेगावाट पनबिजली, 619 मेगावाट बायोमास और 73 मेगावाट वेस्ट पदार्थ से बिजली का उत्पादन हो सकता है। छोटी-छोटी जलविद्युत इकाइयों से भी पनबिजली का उत्पादन किया जा सकता है, जिससे राज्य में ऊर्जा उत्पादन को और अधिक बढ़ावा मिल सकता है।