पटना हाईकोर्ट ने ट्रेन से गिरकर होने वाली मौतों के मामलों में एक महत्वपूर्ण निर्णय सुनाया है, जिससे आम जनता को बड़ी राहत मिलेगी। न्यायमूर्ति सुनील दत्त मिश्रा की एकलपीठ ने इस मामले में फैसला देते हुए कहा कि ऐसे मामलों में न्यूनतम मुआवजा राशि आठ लाख रुपये होगी। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि किसी भी स्थिति में यह राशि आठ लाख रुपये से कम नहीं होनी चाहिए।

यह आदेश शत्रुघ्न साहू द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया गया। कोर्ट ने रेल मंत्रालय द्वारा 22 दिसंबर 2016 को जारी गजट अधिसूचना का हवाला देते हुए कहा कि मुआवजा राशि को लेकर उत्पन्न भ्रम को समाप्त करने के लिए इसे बढ़ाकर आठ लाख रुपये कर दिया गया है।

कोर्ट ने रेलवे दावा न्यायाधिकरण के आदेश में संशोधन करते हुए कहा कि यदि मुआवजा राशि ब्याज सहित भी आठ लाख रुपये से कम होती है, तो रेलवे को इसे कम से कम आठ लाख रुपये के मुआवजे के रूप में प्रदान करना होगा।

इस मामले में, आवेदक के पुत्र बिपुल साव ने 1 जून 2014 को गया जंक्शन जाने के लिए ट्रेन संख्या 53608 की द्वितीय श्रेणी का टिकट खरीदा था। अनुग्रह नारायण रोड रेलवे स्टेशन पर, यात्रियों की धक्का-मुक्की के कारण वह चलती ट्रेन से गिर गया, जिससे उसे गंभीर चोटें आईं। उसे इलाज के लिए अनुग्रह नारायण रोड रेलवे स्टेशन के पास सदर अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

कोर्ट के इस फैसले से उन परिवारों को बड़ी राहत मिलेगी जो अपने प्रियजनों को ट्रेन से गिरकर खो चुके हैं और मुआवजे के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

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