विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मंकीपॉक्स वायरस के बढ़ते मामलों के मद्देनजर वैश्विक आपातकाल की घोषणा की है। मध्य और पूर्वी अफ्रीका से शुरू हुआ यह वायरस अब तेजी से दुनिया भर में फैल रहा है, और हाल ही में पाकिस्तान में इसके तीन मामले दर्ज किए गए हैं। पहला मामला सऊदी अरब से लौटे एक 34 वर्षीय व्यक्ति में पाया गया, जिसकी रिपोर्ट 13 अगस्त को पॉजिटिव आई।

क्या है और कैसे फैलता है?
मंकीपॉक्स वायरस, जो पहली बार 1958 में पहचाना गया था, एक चेचक जैसे वायरस से जुड़ा है। यह मुख्य रूप से जानवरों से इंसानों में फैलता है और इंसानों में पहुंचने के बाद तेजी से प्रसारित हो सकता है। अफ्रीका में इस वायरस के सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं, जहां लोग जानवरों के करीब रहते हैं। संक्रमण आमतौर पर संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने, यौन संबंध, और त्वचा के सीधे संपर्क से फैलता है। संक्रमित व्यक्ति द्वारा छुए गए वस्त्र, तौलिये, और अन्य सतहों से भी इसका प्रसार हो सकता है।

एमपॉक्स के लक्षण और उपचार
मंकीपॉक्स से संक्रमित होने पर व्यक्ति को शुरुआत में बुखार, सिरदर्द, और मांसपेशियों में दर्द होता है। इसके अलावा, शरीर पर चकत्ते उभरने लगते हैं, जो चेहरे और गुप्तांगों पर भी हो सकते हैं। ये चकत्ते फुंसियों में बदल जाते हैं, जिनमें मवाद भर जाती है और खुजली व दर्द होता है। हालांकि, यह वायरस जानलेवा नहीं है और ज्यादातर मामलों में यह खुद ही ठीक हो जाता है। संक्रमण की अवधि 14 से 21 दिन होती है, और इस बीमारी के लिए वैक्सीन भी उपलब्ध है।

मंकीपॉक्स से बचाव के उपाय
मंकीपॉक्स से बचाव के लिए संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाए रखना, व्यक्तिगत स्वच्छता का ध्यान रखना, और संक्रमित सतहों से संपर्क से बचना जरूरी है। इसके अलावा, जानवरों से भी दूरी बनाकर रखना महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह वायरस जानवरों से फैल सकता है।

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