मुजफ्फरपुर सहित सभी जिला मुख्यालयों में ट्रैफिक जाम की समस्या को कम करने के लिए सरकार द्वारा ऑटो और ई-रिक्शा के परिचालन में बड़े बदलाव किए जा रहे हैं। नई योजना के तहत प्रत्येक रूट के लिए अलग-अलग रंग निर्धारित किए जाएंगे, जिससे रूट ओवरलैपिंग की समस्या कम हो सके और ट्रैफिक को बेहतर तरीके से नियंत्रित किया जा सके। यह योजना राज्य परिवहन मुख्यालय द्वारा शुरू की गई है, जिसमें डीटीओ, एडीटीओ, प्रमंडलीय आयुक्त, और डीएम को योजना के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
इस कलर कोड योजना के तहत शहर को विभिन्न जोन में बांटा जाएगा, और प्रत्येक जोन के लिए एक विशिष्ट रंग तय किया जाएगा। ऑटो और ई-रिक्शा के संचालक अपने वाहनों को उसी रंग में रंगेंगे जो उनके रूट के लिए निर्धारित किया गया है। इसके साथ ही, शहरी क्षेत्रों में वाहनों की संख्या को भी नियंत्रित किया जाएगा। हर रूट में सवारियों की संख्या का आकलन कर वाहनों की संख्या तय की जाएगी, ताकि वाहनों का परिचालन सुचारू रूप से हो सके।
सरकार ने यह भी निर्देश दिया है कि प्रत्येक जोन के वाहनों का निबंधन उसी क्षेत्र के थाने से टैग किया जाएगा, और अधिकृत सेवा प्रदाताओं के लिए परिचालन लाइसेंस के साथ कलर कोड का पालन अनिवार्य होगा। इसके क्रियान्वयन के लिए प्रमंडलीय आयुक्त को अध्यक्ष नियुक्त किया गया है, और एक कमेटी बनाई जाएगी, जिसमें जिले के डीएम, एसपी/डीएसपी, डीटीओ, सिविल सर्जन, और संबंधित यूनियनों के प्रतिनिधि सदस्य होंगे।
इस योजना के सफल कार्यान्वयन से शहर में यातायात की स्थिति में सुधार की उम्मीद है, जिससे जाम से निजात मिलेगी और वाहन चालकों एवं यात्रियों दोनों को लाभ होगा।