बिहार में अपराध की घटनाएं अब राजनीति का एक प्रमुख मुद्दा बन गई हैं। सत्ता और विपक्ष एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप कर रहे हैं। तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार की सरकार पर अपराधियों को नियंत्रित नहीं कर पाने का आरोप लगाया, जबकि एनडीए नेताओं ने लालू-राबड़ी के शासनकाल को “जंगलराज” करार देते हुए तेजस्वी को सलाह दी कि वे अपराध पर बोलने का हक नहीं रखते।
तेजस्वी यादव ने हाल ही में सोशल मीडिया पर 87 आपराधिक घटनाओं की एक सूची साझा की, जिससे राज्य में अपराध की स्थिति पर सवाल उठाए गए।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए, बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिलीप जायसवाल ने तेजस्वी यादव को चुनौती दी कि वे अपने पिता लालू यादव के कार्यकाल की अपराध सूची भी जारी करें। पत्रकारों से बातचीत में जायसवाल ने कहा कि अपराध की गिनती के संदर्भ में पहले के आंकड़े भी देखे जाते हैं। उन्होंने कहा कि जब तेजस्वी यादव लालू प्रसाद यादव के शासनकाल के अपराधों की जानकारी देंगे, तब वे इसका जवाब देंगे।
भाजपा प्रवक्ता अरविंद कुमार सिंह ने भी तेजस्वी यादव पर हमला करते हुए कहा कि ये लोग भ्रष्टाचारियों के संरक्षक हैं और ममता बनर्जी के समर्थन में बंगाल की घटनाओं पर चुप्पी साधे हुए हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि उनकी सरकार अपराधियों को पकड़कर जेल भेजने के लिए तत्पर है और न तो किसी को फंसाती है और न ही किसी को बचाती है।