गया जिले में नक्सलियों द्वारा लगाए गए पोस्टरों ने इलाके में हड़कंप मचा दिया है। इन पोस्टरों में बिहार सरकार के महत्वपूर्ण मंत्री अशोक चौधरी को दलित, महादलित, आदिवासी, और किसान विरोधी करार दिया गया है। पोस्टरों में नक्सलियों ने दावा किया है कि अशोक चौधरी, जो खुद दलित हैं, उन्होंने दलितों और कमजोर वर्गों के खिलाफ गलत बयानबाजी की है और नीतियों के जरिए उनके हितों को नुकसान पहुंचाया है।
पोस्टर में नक्सलियों ने क्रांतिकारी युवाओं से अपील की है कि वे अशोक चौधरी के खिलाफ आंदोलन में शामिल हों और उनके खिलाफ एकजुट होकर खड़े हों। इसमें पुलिस और सुरक्षा बलों की कार्रवाई का विरोध करने के साथ-साथ बिहार में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करने का आह्वान भी किया गया है।
नक्सलियों ने ग्रामीण इलाकों में क्रांतिकारी कमेटियों के गठन की योजना का भी उल्लेख किया है, जिसमें सशस्त्र क्रांति की बात कही गई है। इसके अलावा, उन्होंने गरीब जनता को फर्जी मुकदमों में फंसाने का आरोप लगाते हुए उन्हें न्याय दिलाने का संकल्प लिया है।
इस घटना के बाद पुलिस प्रशासन अलर्ट हो गया है और कई जगहों पर लगे पोस्टरों को हटवा दिया गया है। पुलिस इस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है और इस पूरे घटनाक्रम के पीछे कौन लोग हैं, इसका पता लगाने की कोशिश में जुटी है। इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी गई है, और स्थानीय लोगों को भी सतर्क रहने के लिए कहा गया है।