बिहार में जमीन विवादों को खत्म करने के लिए एक अहम कदम उठाया गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य के 445 अंचलों में विशेष भूमि सर्वेक्षण का काम शुरू करवाया है, जिसका लक्ष्य अगले साल नवंबर तक इसे पूरा करना है। इस सर्वे से पहले सभी गांवों में ग्राम सभाओं का आयोजन किया जा रहा है, जहां सरकारी अधिकारी लोगों को सर्वेक्षण की प्रक्रिया और आवश्यक दस्तावेजों के बारे में जानकारी दे रहे हैं। साथ ही, हर व्यक्ति के खेत-खलिहानों का ब्योरा भी दर्ज किया जा रहा है।
20 जिलों के 89 अंचलों में सर्वेक्षण हो चुका है
अब तक 20 जिलों के 89 अंचलों में सर्वेक्षण का काम पूरा हो चुका है, जबकि बाकी 445 अंचलों में कर्मचारियों की कमी के चलते काम रुका हुआ था। इसके समाधान के लिए लगभग 10 हजार नए कर्मचारी नियुक्त किए गए हैं, जिन्हें ट्रेनिंग देकर सर्वेक्षण के काम में लगाया गया है। इससे पहले जमीन से जुड़े सभी दस्तावेजों को कंप्यूटर में दर्ज किया जा चुका है, जो अब ऑनलाइन भी उपलब्ध हैं। सरकार का दावा है कि सर्वेक्षण पूरा होने के बाद जमीन का पूरा विवरण ऑनलाइन उपलब्ध होगा।
1890 में हुआ था पहला सर्वेक्षण
राजस्व मंत्री डॉ. दिलीप जायसवाल ने बताया कि मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप अगले साल तक विशेष भूमि सर्वेक्षण पूरा हो जाएगा। उन्होंने इसे नीतीश सरकार की ऐतिहासिक उपलब्धि बताया। राज्य में पहला जमीन सर्वेक्षण 1890 में हुआ था और दूसरा 1990 में शुरू हुआ। अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शासनकाल में इसे पूरा किया जा रहा है। डॉ. जायसवाल का कहना है कि इस सर्वेक्षण से जमीन विवाद पूरी तरह समाप्त हो जाएंगे और कानून व्यवस्था की समस्या भी सुलझ जाएगी।
जरूरी दस्तावेज और आवेदन की प्रक्रिया
राजस्व मंत्री ने बताया कि अगर आप अपनी जमीन का सर्वे कराना चाहते हैं, तो आपको कुछ जरूरी दस्तावेज जमा करने होंगे। ये दस्तावेज इस बात पर निर्भर करते हैं कि जमीन आपके नाम पर है या आपके पूर्वजों के नाम पर। अगर जमीन आपके पूर्वजों के नाम पर है और वे अब जीवित नहीं हैं, तो उनकी मृत्यु का प्रमाण पत्र, जमाबंदी या मालगुजारी रसीद, खतियान की कॉपी, और अन्य आवश्यक दस्तावेज जमा करने होंगे।
जरूरी दस्तावेजों में शामिल हैं:
- स्व-घोषणा पत्र (प्रपत्र 2)
- जमाबंदी रजिस्टर
- लगान रसीद
- एलपीसी
- वसीयत
- दान और विनिमय के कागजात
- खतियान
- वंशावली
- बंटवारा संबंधित दस्तावेज
यदि आपके पास जमीन से जुड़े अन्य दस्तावेज जैसे खरीद-बिक्री के कागजात या कोर्ट का आदेश है, तो उनकी कॉपी भी जमा करनी होगी। इसके अलावा, आधार कार्ड भी आवश्यक होगा।