बिहार सरकार के पूर्व मंत्री और वैशाली लोकसभा के पूर्व सांसद वृषिण पटेल की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं। उनके खिलाफ एक नाबालिग लड़की के यौन शोषण, अश्लील वीडियो बनाने और ब्लैकमेल करने का गंभीर आरोप है। यह मामला मुजफ्फरपुर के पॉक्सो कोर्ट में चल रहा है, जहां उन्हें अब तक जमानत नहीं मिली है। गुरुवार को पॉक्सो कोर्ट-2 के न्यायाधीश प्रशांत कुमार झा ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई की, लेकिन फैसला सुरक्षित रख लिया।

पटेल, जो समाजवादी राजनीति में एक प्रमुख नाम रहे हैं, ने नीतीश कुमार की सरकार में कई बार मंत्री पद संभाला और बाद में जीतनराम मांझी की पार्टी से भी जुड़े। इस मामले में, नाबालिग ने आरोप लगाया है कि पटेल ने उसे नौकरी और राजनीतिक अवसरों का झांसा देकर यौन शोषण किया और उसकी अश्लील वीडियो बनाकर उसे ब्लैकमेल किया।

पॉक्सो कोर्ट में सुनवाई के दौरान पटेल की ओर से पटना उच्च न्यायालय के वकील ने जमानत के बिन्दुओं पर बहस की, वहीं लोक अभियोजक अजय कुमार और पीड़िता की वकील रिचा स्मृति ने अपना पक्ष रखा। सभी पक्षों को सुनने के बाद, कोर्ट ने आदेश को सुरक्षित रख लिया है, और इस पर जल्द ही फैसला आ सकता है। यदि उन्हें जमानत नहीं मिली, तो उनकी गिरफ्तारी की संभावनाएं और बढ़ सकती हैं।

इस मामले की जड़ें नवंबर 2023 तक जाती हैं, जब पीड़िता ने विशेष पॉक्सो कोर्ट में पूर्व मंत्री के खिलाफ परिवाद दर्ज कराया था। उसने आरोप लगाया था कि दो साल पहले पटेल ने उसे नौकरी के बहाने पटना बुलाकर यौन शोषण किया। मामले की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट ने पहले ही पटेल के खिलाफ जमानतीय वारंट जारी किया था, जिसके बाद उन्होंने अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की थी।

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