FASTag का दौर जल्द खत्म होने वाला है। हालांकि, इसे लेकर अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार GNSS (ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम) को लागू करने की तैयारी कर रही है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी इस नई तकनीक का जिक्र कर चुके हैं। यह प्रणाली फिलहाल परीक्षण के चरण में है और भविष्य में FASTag की जगह ले सकती है।
क्या है GNSS?
GNSS एक सैटेलाइट आधारित सिस्टम है, जिसे वाहनों में इंस्टॉल किया जाएगा। इसके जरिए अधिकारियों को यह ट्रैक करने में मदद मिलेगी कि किसी वाहन ने टोल रोड पर कब एंट्री की है और कब निकला है। इस तकनीक की खास बात यह है कि वाहन चालक केवल उसी दूरी का टोल टैक्स देंगे, जितना उन्होंने टोल रोड पर सफर किया है।
GNSS के फायदे
GNSS के आने से वाहन चालकों को टोल रोड के इस्तेमाल पर सटीक भुगतान करना होगा, जिससे अतिरिक्त टोल शुल्क देने की समस्या से छुटकारा मिलेगा। इसके साथ ही, पारंपरिक टोल बूथ भी खत्म हो जाएंगे, जहां अक्सर लंबी कतारों का सामना करना पड़ता था।
GNSS कब तक आएगा?
सरकार ने अभी तक GNSS को लागू करने की कोई निश्चित तारीख नहीं दी है, लेकिन देश के कुछ प्रमुख हाईवे जैसे बेंगलुरु-मैसूर (NH-257) और पानीपत-हिसार (NH-709) पर इसकी टेस्टिंग चल रही है। परीक्षण सफल होने के बाद इसे चरणबद्ध तरीके से देशभर में लागू किया जाएगा।