बिहार में पहली बार राष्ट्रीय स्तर पर पंचायती राज विभाग की कार्यशाला का आयोजन होने जा रहा है। 10 से 12 सितंबर तक पटना में आयोजित होने वाली इस कार्यशाला में बिहार सहित 27 राज्यों और 5 केंद्र शासित प्रदेशों के 800 से अधिक प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। बिहार के पंचायती राज मंत्री केदार प्रसाद गुप्ता ने मंगलवार को बताया कि इस कार्यशाला का उद्घाटन केंद्रीय पंचायती राज मंत्री राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह करेंगे।

इससे पहले पंचायती राज मंत्रालय द्वारा छह राज्यों— पंजाब, महाराष्ट्र, केरल, ओडिशा, जम्मू-कश्मीर और आंध्र प्रदेश— में अलग-अलग थीम पर राष्ट्रीय कार्यशालाओं का आयोजन किया जा चुका है। पटना में होने वाली यह सातवीं कार्यशाला “सामाजिक रूप से न्यायपूर्ण और सामाजिक रूप से सुरक्षित पंचायत” थीम पर आधारित होगी।

कार्यशाला की विशेषताएं

इस कार्यशाला के दौरान विभिन्न राज्यों द्वारा किए गए बेहतर और नवाचारी प्रयोगों को एक-दूसरे से साझा किया जाएगा। प्रतिनिधियों द्वारा वीडियो प्रेजेंटेशन के माध्यम से अपने अनुभव और कार्यों को प्रदर्शित किया जाएगा। इसके अलावा, पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा सामाजिक सुरक्षा और अन्य प्रमुख मुद्दों पर परिचर्चाएं आयोजित की जाएंगी।

परिचर्चा के प्रमुख विषय

कार्यशाला में निम्नलिखित विषयों पर परिचर्चा होगी:

• गरीबी मुक्त एवं उन्नत आजीविका पंचायत
• स्वस्थ पंचायत
• चाइल्ड फ्रेंडली पंचायत
• जल पर्याप्त पंचायत
• स्वच्छ एवं हरित पंचायत
• आत्मनिर्भर बुनियादी ढांचे वाली पंचायत
• सुशासन वाली पंचायत
• महिला हितैषी पंचायत

बहुआयामी विकास की चुनौतियां

पंचायतों के सामने विकास की चुनौतियां कई आयामों में फैली हुई हैं। इसमें बहुआयामी गरीबी, स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा, लैंगिक असमानता, पेयजल, स्वच्छता, सफाई और पर्यावरण संरक्षण जैसे मुद्दे शामिल हैं। पंचायतों के सतत विकास के लिए इन सभी चुनौतियों पर समुचित समाधान और उपलब्धियां आवश्यक हैं।

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