बिहार की सड़कों से अयोग्य और अनफिट वाहनों को हटाने के लिए परिवहन विभाग और ट्रैफिक पुलिस ने मिलकर सख्त कदम उठाए हैं। राज्य के 20 टोल प्लाजा पर ई-डिटेक्शन प्रणाली लागू की गई है, जो जल्द ही सभी 37 टोल प्लाजा पर भी लागू होगी। इस प्रणाली से गाड़ियों के नंबर प्लेट स्कैन किए जाते हैं, ताकि नियमों का उल्लंघन करने वाले अनफिट वाहनों की पहचान की जा सके।
7 से 15 अगस्त के बीच ई-डिटेक्शन प्रणाली के तहत 9 करोड़ 50 लाख रुपये का जुर्माना वसूला गया है। वाहन मालिक इस जुर्माने का भुगतान ई-डिटेक्शन पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन कर सकते हैं। जल्द ही इस प्रणाली को पटना और अन्य प्रमुख शहरों की सड़कों पर लगे कैमरों से भी जोड़ा जाएगा, जिससे शहरी क्षेत्रों में भी अनफिट वाहनों पर नजर रखी जा सकेगी।
वाहनों की चेकिंग और जुर्माना लगाने के लिए ट्रैफिक पुलिस को 1527 हैंड हेल्ड डिवाइस मुहैया कराए गए हैं। इसके साथ ही, हाईवे पर तेज गति और यातायात उल्लंघन की निगरानी के लिए हाईवे पेट्रोलिंग शुरू की गई है, जिसमें 1517 अतिरिक्त बल तैनात किए गए हैं।
यह सख्ती अनफिट वाहनों से होने वाले हादसों को रोकने के लिए शुरू की गई है। जैसे कि जून 2024 में उन्नाव में मुजफ्फरपुर से दिल्ली जा रही एक अनफिट बस के दुर्घटनाग्रस्त होने से 18 लोगों की मौत हो गई थी।