प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) के अंतर्गत बिहार में नए लाभार्थियों के नाम जोड़ने की प्रक्रिया शुरू होने वाली है। इसके लिए सभी जिलों में जल्द ही सर्वे किया जाएगा, जिसके आधार पर नए लाभुकों की सूची तैयार की जाएगी। लगभग पांच साल बाद बिहार में पीएम आवास योजना के तहत नई लिस्ट बनाई जा रही है। ग्रामीण विकास विभाग ने इस प्रक्रिया के लिए सभी जिलों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। विभाग ने केंद्र सरकार से इस योजना में नए पात्र लाभार्थियों को शामिल करने की अनुमति मांगी थी, जिसे प्राप्त होते ही काम शुरू कर दिया गया है।
घर-घर सर्वे और ऑनस्पॉट तस्वीरें होंगी मान्य
इस योजना के तहत योग्य लाभार्थियों का चयन ग्रामीण विकास विभाग के आवास सहायकों द्वारा किया जाएगा। सभी नए लाभार्थियों के नाम ऑनलाइन जोड़े जाएंगे। विभाग के पदाधिकारियों के अनुसार, आधार नंबर के साथ सूची तैयार की जाएगी। आवास सहायक गांव-गांव जाकर घर-घर सर्वे करेंगे और योग्य लाभुकों की ऑनस्पॉट तस्वीरें मोबाइल से लेंगे। सर्वे में लगे कर्मियों का पंजीयन भी कराया जाएगा, और केवल उनके द्वारा ली गई तस्वीरें ही मान्य मानी जाएंगी। अंत में ग्राम सभा का आयोजन कर सूची को अंतिम रूप दिया जाएगा।
आठ साल में बने 36.60 लाख आवास
पिछले आठ वर्षों में बिहार में प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत 36 लाख 60 हजार से अधिक मकान बनाए गए हैं। वित्तीय वर्ष 2016-17 से लेकर अब तक 37 लाख आवास स्वीकृत किए गए हैं, जिसमें से 99 प्रतिशत मकान पूरे हो चुके हैं, और बाकी पर काम चल रहा है। बिहार ने देशभर में सबसे अधिक आवास निर्माण का रिकॉर्ड कायम किया है।
लाभार्थियों को मिलेगी पहली किस्त
वर्तमान में बनी सूची में 13 लाख 55 हजार लोगों के आवास निर्माण अभी बाकी हैं। इस वित्तीय वर्ष 2024-25 में 2 लाख 43 हजार आवासों के निर्माण की स्वीकृति केंद्र सरकार ने दी है। सरकार ने आश्वासन दिया है कि अगले दो से तीन वर्षों में शेष बचे सभी 13 लाख 55 हजार आवासों के निर्माण की स्वीकृति भी मिल जाएगी। इसके बाद नई सूची के आधार पर आवास निर्माण शुरू किया जाएगा। इधर, इस साल स्वीकृत 2.43 लाख आवासों में से एक लाख लाभार्थियों के खाते में 15 सितंबर को पहली किस्त का भुगतान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया जाएगा।