मुजफ्फरपुर में मेट्रो के लिए दो कॉरिडोर विकसित किए जाएंगे, जिसकी कुल लंबाई 21.2 किलोमीटर होगी। पहला रूट एसकेएमसीएच से मुजफ्फरपुर जंक्शन तक 7.2 किमी लंबा होगा, जबकि दूसरा रूट हरपुर बखरी से रामदयालुनगर तक 14 किमी का होगा। यह मेट्रो रूट शहर के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों को भी जोड़ेगा, जिससे बड़ी संख्या में लोगों को लाभ होगा।

रेल इंडिया टेक्निकल एंड इकोनॉमिक सर्विस (राइट्स) की प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, कॉरिडोर की योजना को लेकर स्थिति स्पष्ट हो गई है। हालांकि, स्टेशनों के नाम अभी तक तय नहीं हुए हैं, और इसके लिए राइट्स की टीम खाका तैयार कर रही है।

पटना में नगर विकास विभाग के साथ हुई उच्चस्तरीय बैठक में राइट्स की ओर से प्रस्तुत रिपोर्ट की समीक्षा की गई। इसमें मेट्रो रूट के लिए सड़कों की कम चौड़ाई जैसे मसलों पर चर्चा की गई, और अधिकारियों ने भूमि अधिग्रहण, खर्च, और अन्य तकनीकी पहलुओं पर विस्तृत रिपोर्ट की मांग की है।

मेट्रो के अंडरग्राउंड रूट पर विचार केवल तब किया जाएगा जब कोई अन्य विकल्प उपलब्ध न हो। इस विकल्प पर तीन गुना अधिक खर्च आएगा, और इसे अंतिम उपाय के रूप में देखा जा रहा है। फिलहाल, मेट्रो के रूट और स्टेशन को लेकर सभी संभावनाओं का अध्ययन किया जाएगा।

राइट्स की टीम को स्थानीय जनप्रतिनिधियों से फीडबैक लेने का निर्देश दिया गया है, जिससे मेट्रो योजना की रूपरेखा बेहतर तरीके से तैयार हो सके। पहले हुए सर्वेक्षण में विभिन्न वर्गों से फीडबैक लिया गया था, और अब जनप्रतिनिधियों से चर्चा कर योजना को आगे बढ़ाया जाएगा।

नगर विकास विभाग ने राइट्स के कार्यों की निगरानी के लिए समन्वय समिति का गठन किया है, जो मेट्रो परियोजना की प्रगति पर नजर रखेगी। समिति मेट्रो योजना की सभी तकनीकी और व्यावहारिक पहलुओं की निगरानी करेगी।

राइट्स की प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, अभी कॉरिडोर का एलाइनमेंट तय नहीं हुआ है। स्टेशनों और अन्य तकनीकी पहलुओं पर और चर्चा की जाएगी, और कई बैठकों के बाद ही मेट्रो परिचालन की योजना को अंतिम रूप दिया जाएगा।

Input : Hindustan

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