रेलवे में नौकरी के बदले जमीन लेने के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूर्व रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव, उनके बेटे तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव को प्रवर्तन निदेशालय (ED) के केस में कोर्ट से जमानत मिल गई है। यह जमानत 1-1 लाख रुपये के निजी मुचलके पर दी गई है। ईडी ने इस मामले में अगस्त 2023 में पूरक आरोप पत्र दाखिल किया था, जिसके बाद कोर्ट ने लालू और उनके बेटों को समन भेजकर उपस्थित होने का आदेश दिया था।

सोमवार को लालू यादव अपने बेटों और बेटी मीसा भारती के साथ कोर्ट पहुंचे, जहां राउज एवेन्यू कोर्ट ने जमानत दी। इससे पहले, CBI द्वारा दर्ज किए गए मामले में लालू यादव, राबड़ी देवी और मीसा भारती को पहले ही जमानत मिल चुकी है। CBI ने 7 जून 2023 को इस मामले में अपनी अंतिम चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें 78 लोगों को आरोपी बनाया गया था, जिसमें लालू यादव और उनके परिवार के सदस्यों के नाम शामिल थे।

सीबीआई ने 18 मई 2022 को रेलवे में ग्रुप डी की नौकरी के बदले जमीन लेने के मामले में प्राथमिकी दर्ज की थी। आरोप है कि लालू यादव के परिवार के सदस्यों ने रेलवे में नौकरी दिलवाने के बदले कुछ लोगों से सस्ती कीमत पर महंगी जमीन अपने नाम करवाई। CBI की जांच में सात ऐसे जमीन के सौदे सामने आए, जिनमें से तीन राबड़ी देवी, एक मीसा भारती, और एक प्लॉट ए.के. इन्फोसिस्टम्स के नाम पर था, जबकि दो जमीनें हेमा यादव को गिफ्ट में दी गई थीं।

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