आज, दिनांक 7 अक्टूबर 2024 को बहलखाना स्लम बस्ती में ‘एक प्रयास मंच’ द्वारा दुर्गा पूजा के नवरात्रि के अवसर पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में बिहार के पारंपरिक लोकनृत्य झिझिया का प्रदर्शन किया गया, साथ ही नौ कन्याओं के बीच पठन सामग्री का वितरण किया गया।
मंच के संस्थापक, संजय रजक ने इस अवसर पर कहा कि वर्तमान समय में बेटियों को शिक्षा और सुरक्षा की अत्यधिक आवश्यकता है। उन्होंने चिंता जताते हुए कहा कि आए दिन हमारे शहर और देश में बेटियों के साथ दर्दनाक घटनाएं घटती रहती हैं, जो बेहद दुखद हैं। उन्होंने आह्वान किया कि जिस प्रकार दुर्गा पूजा के दौरान लोग नौ कन्या पूजन में बेटियों को देवताओं के समान मानते हैं, उसी प्रकार हर दिन उन्हें सम्मान, शिक्षा और सुरक्षा प्रदान करना चाहिए। तभी जाकर ऐसी दर्दनाक घटनाओं पर रोक लग सकेगी और ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान भी सफल होगा।
कार्यक्रम के अंतर्गत नौ कन्याओं को पठन सामग्री प्रदान की गई ताकि वे पढ़ाई कर अपने साथ-साथ अपने परिवार, समाज, और देश का नाम रोशन कर सकें। इसके साथ ही बिहार के पारंपरिक लोकनृत्य झिझिया का भी आयोजन हुआ, जिसका जुड़ाव मां दुर्गा की आराधना से है। इस दौरान कलाकारों ने ‘तोहरे भरोसे ब्रह्म बाबा पुजवा करेली’ गीत पर झिझिया नृत्य प्रस्तुत किया। संजय रजक ने बताया कि नवरात्र के दौरान मां दुर्गा की पूजा के साथ ब्रह्म बाबा का आशीर्वाद लेना भी जरूरी होता है ताकि परिवार, समाज, और देश में शांति और सद्भाव बना रहे।
इस आयोजन में जास्मिन, खुशी, जानवी, तारा, रागिनी, गुनगुन, अंशु, चिन्की, परी, रोहन मल्लिक, सन्नी मल्लिक समेत बस्ती के कई लोग उपस्थित थे।
यह कार्यक्रम एक सकारात्मक पहल के रूप में उभरा, जिसमें न सिर्फ बेटियों की शिक्षा पर जोर दिया गया, बल्कि बिहार की सांस्कृतिक धरोहर को भी जीवंत किया गया।