बिहार का पहला छह लेन पुल, जो मोकामा के औटा और बेगूसराय के सिमरिया को गंगा नदी के ऊपर से जोड़ रहा है, अगले वर्ष अप्रैल में गाड़ियों के आवागमन के लिए खुलने की उम्मीद है। 1.86 किलोमीटर लंबे इस पुल के साथ ही 3015 मीटर के छह लेन और 3275 मीटर के चार लेन वाले एप्रोच का निर्माण हो रहा है। इसमें एक रेलवे ओवरब्रिज और दो रेलवे अंडरब्रिज भी शामिल हैं। आरओबी के लिए दो स्टील गर्डर में से एक को असेंबल कर लिया गया है, जबकि दूसरे की सामग्री निर्माण स्थल पर पहुंच गई है और जल्द ही असेंबल का काम शुरू होगा।
बाढ़ के कारण पुल निर्माण में कुछ देरी हुई, जिससे पहले दिसंबर में चालू करने की योजना को अप्रैल तक बढ़ाना पड़ा। इस पुल के चालू होने से उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच आवागमन बेहद सरल हो जाएगा। वर्तमान में लोग मोकामा और बेगूसराय के बीच यात्रा के लिए राजेंद्र सेतु का इस्तेमाल करते हैं, जहां दो लेन वाले इस पुल पर भारी ट्रैफिक के कारण पार करने में घंटों का समय लग सकता है। नए पुल के चालू होने के बाद लोग कुछ ही मिनटों में गंगा पार कर सकेंगे।
पुल पर 13-13 मीटर चौड़ी दोनों ओर तीन-तीन लेन की सड़क होगी, साथ ही डेढ़ मीटर चौड़ी फुटपाथ भी बन रही है। इसके अलावा औटा से हाथीदह और सिमरिया बिंद टोली से राजेंद्र पुल स्टेशन तक छह लेन के मार्ग के साथ एक रेलवे ओवरब्रिज और दो अंडरब्रिज का निर्माण भी अंतिम चरण में है। पुल के चालू होने से क्षेत्रीय कनेक्टिविटी में बड़ा सुधार आएगा और यात्रा का समय काफी कम हो जाएगा।