मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट की बैठक आयोजित की गई, जिसमें राज्य के विकास से जुड़े 22 महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर सहमति बनी। इनमें खनन विभाग को लेकर कई कड़े फैसले किए गए हैं। अवैध बालू और पत्थर ढुलाई में लगे वाहनों पर अब पहले से ज्यादा जुर्माना लगाया जाएगा। खनन में देरी करने पर भी बंदोबस्तधारियों को दंड का सामना करना पड़ेगा।
कैबिनेट के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने जानकारी दी कि अवैध खनन के मामलों में ट्रैक्टर और ट्रॉली पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगेगा।
अवैध खनन पर सख्ती: 10 लाख तक का जुर्माना
कैबिनेट में यह निर्णय लिया गया कि बालू परिवहन के दौरान जीपीएस डिवाइस से छेड़छाड़ करने या उसे बंद करने पर ट्रैक्टर के लिए 20,000 और अन्य बड़े वाहनों के लिए 1,00,000 रुपये का जुर्माना लगेगा। पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था न होने पर 50,000 रुपये का दंड तय किया गया है। उत्पादन की रजिस्टर न रखने पर पहली बार उल्लंघन के लिए 5 लाख और दूसरी बार उल्लंघन पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।
साइन बोर्ड न लगाने पर भी लगेगा जुर्माना
बंदोबस्तधारी द्वारा साइन बोर्ड न लगाने और सीमांकन न करने पर 50,000 और 5,00,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। पानी का छिड़काव न करने पर भी 50,000 रुपये का दंड तय किया गया है। वहीं, बिना ढके हुए खनिज पदार्थों के परिवहन पर ट्रैक्टर के लिए 5,000 और अन्य बड़े वाहनों के लिए 25,000 रुपये का जुर्माना लगेगा।
गीला बालू परिवहन पर भी लगेगा दंड
गीला बालू ढोने पर ट्रैक्टर के लिए 5,000 रुपये और अन्य बड़े वाहनों के लिए 25,000 रुपये का जुर्माना तय किया गया है। बिना विशिष्ट रंग से रंगे वाहन के उपयोग पर पहली बार उल्लंघन पर 1,00,000 रुपये का जुर्माना लगेगा और दूसरी बार उल्लंघन करने पर उसे अवैध मानते हुए कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इसके अतिरिक्त, कैबिनेट ने अनुसंधान में लगे पुलिस कर्मियों को लैपटॉप और मोबाइल देने के लिए राशि की स्वीकृति भी प्रदान की है।