जस्टिस संजीव खन्ना ने 11 नवंबर 2024 को भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली, उन्हें यह शपथ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिलाई। उन्होंने जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ का स्थान लिया, जो 10 नवंबर को सेवा निवृत्त हुए। जस्टिस खन्ना इस पद पर 13 मई 2025 तक बने रहेंगे।
जस्टिस खन्ना के नाम पर कई ऐतिहासिक फैसले दर्ज हैं, जैसे इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) की पवित्रता को बनाए रखना और अनुच्छेद 370 का निरसन। वह जनवरी 2019 से सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश के रूप में कार्यरत हैं।
खन्ना का पारिवारिक पृष्ठभूमि कानूनी क्षेत्र से जुड़ा रहा है। उनके पिता राज खन्ना दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश रहे हैं, जबकि उनकी मां सरोज खन्ना दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज में हिंदी की प्रोफेसर रही हैं। जस्टिस खन्ना ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मॉडर्न स्कूल, नई दिल्ली से पूरी की और कानून की पढ़ाई दिल्ली विश्वविद्यालय के कैंपस लॉ सेंटर से की।
सुप्रीम कोर्ट में कुल 33 न्यायाधीश होते हैं, जिनमें मुख्य न्यायाधीश शामिल हैं। मुख्य न्यायाधीश को 2.8 लाख रुपये प्रतिमाह वेतन और VIII ग्रेड का बंगला एवं सरकारी वाहन प्रदान किया जाता है।