रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को डॉक्टरों की आपत्ति के बाद एक वीडियो डिलीट करना पड़ा। यह वीडियो एक रेलवे कर्मचारी द्वारा CPR देते हुए का था। डॉक्टरों और विशेषज्ञों ने इस प्रक्रिया के तरीके पर सवाल उठाए थे।
रेल मंत्री ने यह वीडियो शेयर करते हुए एक TTE को “लाइफसेवर” बताया था। वीडियो में दिखाया गया था कि एक 70 वर्षीय यात्री, जिसे कथित तौर पर ट्रेन में अटैक आया था, को CPR दी जा रही है। यात्री होश में था, लेकिन अस्वस्थ दिख रहा था। यह घटना आम्रपाली एक्सप्रेस की है। बाद में यात्री को बिहार के छपरा में अस्पताल भेजा गया।
Hi, ER Doc here.
I can’t believe I actually have to say this but do NOT perform mouth-to-mouth CPR on awake people who are literally talking to you. https://t.co/WSecL66nhV
— Sam Ghali, M.D. (@EM_RESUS) November 25, 2024
I have filed a RTI request for information about this so-colled CPR. Hope the Ministry of Railway will respond properly. pic.twitter.com/vHe4pulJaC
— Dr. Vishnu Rajgadia (@VishnuRajgadia) November 24, 2024
रेल मंत्री ने वीडियो के साथ लिखा था, “भारतीय रेलवे की हमारी समर्पित टीम।”
द लिवर डॉक के नाम से मशहूर डॉक्टर सिरियाक एबी फिलिप्स ने रेल मंत्री से वीडियो हटाने की अपील की। उन्होंने कहा कि होश में बैठे मरीज को CPR देना गलत है। उन्होंने बताया कि गलत चेस्ट कंप्रेशन से मरीज को नुकसान हो सकता है, जिसमें पसलियां टूटने या सांस लेने में दिक्कत की संभावना बढ़ जाती है।
अमेरिकी डॉक्टर सैम घली ने भी इस पर टिप्पणी करते हुए कहा, “कभी भी होश में और आपसे बात कर रहे व्यक्ति को माउथ-टू-माउथ CPR नहीं दिया जाना चाहिए।”