पटना: अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए बिहार पुलिस ने स्पीडी ट्रायल को तेज और प्रभावी बनाने की योजना तैयार की है। राज्य के सभी जिलों में स्पीडी ट्रायल सेल को सक्रिय किया जाएगा और बड़े आपराधिक मामलों को चिन्हित कर दोषियों को जल्द से जल्द सजा दिलाने पर जोर दिया जाएगा।
गवाहों के मुकरने पर होगी कार्रवाई
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) विनय कुमार ने शुक्रवार को सूचना भवन में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि गवाहों, विशेष रूप से सरकारी गवाहों के कोर्ट में बयान से पलट जाने की समस्या गंभीर है। उन्होंने कहा कि अब अगर कोई सरकारी गवाह अपने बयान से मुकरता है, तो उसके खिलाफ निलंबन से लेकर बर्खास्तगी तक की सख्त कार्रवाई की जाएगी।
भारतीय न्याय संहिता में प्रावधान
डीजीपी ने कहा कि नए कानून भारतीय न्याय संहिता के तहत गवाहों के मुकरने पर कठोर दंड का प्रावधान किया गया है। इससे न्यायिक प्रक्रिया को सुचारू और पारदर्शी बनाने में मदद मिलेगी।
लंबित मामलों का निपटारा होगा तेज
गृह विभाग के प्रधान सचिव अरविंद कुमार चौधरी ने बताया कि राज्य में वर्तमान में 17.57 लाख से अधिक मामले अभियोजन स्वीकृति के लिए लंबित हैं। इन मामलों के त्वरित निपटारे के लिए राज्य ने 541 सहायक अभियोजन पदाधिकारी नियुक्त किए हैं, जो इसे करने वाला देश का पहला राज्य है।
स्पीडी ट्रायल से बढ़ेगा अपराधियों में डर
स्पीडी ट्रायल को प्रभावी तरीके से लागू करने से न केवल अपराधियों में भय पैदा होगा, बल्कि आम जनता में न्याय प्रणाली के प्रति विश्वास भी मजबूत होगा। बिहार पुलिस का यह कदम कानून व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।