पटना के गर्दनीबाग में 70वीं बीपीएससी प्रारंभिक परीक्षा के पुनः आयोजन की मांग को लेकर अभ्यर्थियों का धरना प्रदर्शन जारी है। इस बीच, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि यदि कोई अभ्यर्थी पेपर लीक का प्रमाण लेकर आता है, तो सरकार दो मिनट में परीक्षा रद्द करने का निर्णय लेगी। उन्होंने कहा कि अब तक की जांच में पेपर लीक का कोई सबूत नहीं मिला है।

दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सम्राट चौधरी ने बताया कि परीक्षा के दौरान एक सेंटर पर कुछ तकनीकी समस्याएं सामने आई थीं, जिसके कारण उस सेंटर की परीक्षा रद्द कर दी गई। उन्होंने जनता दरबार में अभ्यर्थियों को सबूत लेकर आने की खुली चुनौती दी।

बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) ने भी स्पष्ट किया है कि पेपर लीक का कोई मामला सामने नहीं आया है। बापू भवन परीक्षा केंद्र में 12,000 अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी, लेकिन कुछ छात्रों ने प्रश्न पत्र देरी से मिलने और सील टूटे होने का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। आयोग ने हंगामे के कारण प्रभावित अभ्यर्थियों को पुनः परीक्षा देने का अवसर देने का निर्णय लिया है।

बीपीएससी चेयरमैन ने कहा कि जो अभ्यर्थी निर्दोष हैं या हंगामे के कारण परीक्षा में बाधा आई, उन्हें न्याय मिलेगा। वहीं, कुछ परीक्षार्थियों द्वारा कदाचार किए जाने की भी संभावना व्यक्त की गई है। राज्य में 912 परीक्षा केंद्रों में से केवल बापू भवन परीक्षा केंद्र पर विवाद हुआ, जिसमें 12,000 में से 300-400 छात्रों ने हंगामा किया।

गर्दनीबाग में प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों का कहना है कि परीक्षा केंद्र पर उन्हें प्रश्न पत्र देरी से दिए गए और प्रश्न पत्रों की सील टूटी हुई थी। छात्रों ने परीक्षा को रद्द कर पुनः आयोजन की मांग की है। इस बीच, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने छात्रों से मुलाकात कर उन्हें न्याय दिलाने का आश्वासन दिया।

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